Ranchi : प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लाउंड्रिंग के मामलों की जांच में अपनी रणनीति मे बदलाव किया है. इसके तहत इडी अब लोगों को बुला कर बयान लेने के बदले खुद ही बयान दर्ज करने के लिए पहुंचने लगी है. इसी बदली हुई रणनीति के तहत इडी के अधिकारियों का दल जमीन घोटाले के जुड़े लोगों का बयान दर्ज करने खुद ही बोकारो पहुंची है. इडी के अधिकारियों का दल फिलहाल बोकारो के जमीन कारोबारी नरेश नगेशिया, कलीम अंसारी व अन्य का बयान दर्ज कर रही है. इन लोगों को बोकारो जमीन घोटाले में हुई जालसाजी की बहुत पहले से जानकारी थी. नरेश नगेशिया पहले इजहार हुसैन व अख्तर हुसैन वगैरह से संबंधित था. बाद में किसी वजह से वह इजहार वगैरह से अलग हो गया.
इडी ने बोकारो जिले में वन भूमि की खरीद बिक्री के मामले में जिला प्रशासन द्वारा दर्ज करायी गयी प्राथमिकी को इसीआईआर के रूप में दर्ज करने के बाद बोकारो जमीन घोटाले की जांच शुरू की थी.
इसी क्रम में इडी ने रांची, बोकारो, धनबाद, हजारीबाग, पटना और बांका मे छापा मारा था. रांची में राजबीर कंस्ट्रक्शन के निदेशक पुनीत पोद्दार व बांका में उनके पिता बीर अग्रवाल के ठिकानों पर छापा मारा था.
उमायुष मल्टी कॉम नाम की कंपनी को जमीन खरीदने के लिए राजबीर कंस्ट्रक्शन ने फंड उपलब्ध कराया था. बीर अग्रवाल के घर से 1.30 करोड़ रुपये नकद जब्त किये गये थे. इडी ने इजहार हुसैन और उमायुष से जुड़े लोगों के ठिकानों पर भी छापा मारा था.
छापामारी के दायरे में चास के पूर्व अंचल अधिकारियों (दिवाकर द्विवेदी व निर्मल टोप्पो), बोकारो के पूर्व अवर निबंधक रामेश्वर प्रसाद सिंह सहित अन्य को भी शामिल किया था. इडी ने बोकारो उपायुक्त कार्यालय, डीएफओ कार्यालय और पुरुलिया स्थित रजिस्ट्री कार्यालय में सर्वे कर आवश्यक दस्तावेज जब्त किया था.