सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल के इस बयान पर ईडी की आपत्ति पर विचार करने से इनकार कर दिया कि अगर लोग आम आदमी पार्टी को वोट देंगे तो वह दो जून को जेल वापस नहीं जायेंगे. New Delhi : दिल्ली शराब घोटाला मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर आज गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है. केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ के समक्ष कहा कि उनके मुवक्किल की गिरफ्तारी गलत थी.
">https://lagatar.in/category/desh-videsh/#google_vignette"> नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें सिंघवी ने केजरीवाल की रिमांड को भी गलत करार दिया. हालांकि सुनवाई प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से दलील रख रहे एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि केजरीवाल की गिरफ्तारी में किसी भी प्रक्रिया का उल्लंघन नहीं किया गया है.
इस मुद्दे पर बहस करें कि याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं
एसवी राजू की दलील पर सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि इस मुद्दे पर बहस करें कि याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं. कोर्ट ने कहा कि अगर इस मामले में धारा 19 का उल्लंघन हुआ है तो अदालत दखल दे सकती है. इस मामले में इन्होंने पहले याचिका दाखिल की थी लेकिन हमने उस समय सुनवाई नहीं की थी.
हमने अंतरिम जमानत का समय तय कर दिया है
ईडी ने सुनवाई के दौरान कोर्ट के समक्ष केजरीवाल के बयान का भी जिक्र किया. कहा कि केजरीवाल अपनी सभाओं में कह रहे हैं कि अगर लोग आम आदमी पार्टी को वोट देंगे तो वे दो जून को जेल नहीं जायेंगे. ये सिस्टम के मुंह पर तमाचा है. इस पर जस्टिस खन्ना ने कहा कि अदालत का आदेश बिल्कुल स्पष्ट है. हमने अंतरिम जमानत का समय तय कर दिया है कि कब से कब तक केजरीवाल को राहत दी गयी है. कौन क्या कह रहा है, इससे हमें मतलब नहीं है. बेहतर होगा कि हम कानूनी मुद्दे पर ही बहस केंद्रित रखें. सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल के इस बयान पर ईडी की आपत्ति पर विचार करने से इनकार कर दिया कि अगर लोग आम आदमी पार्टी को वोट देंगे तो वह दो जून को जेल वापस नहीं जायेंगे. केजरीवाल के वकील ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को मिली अंतरिम जमानत पर एक केंद्रीय मंत्री के बयान का भी जिक्र किया, जिस पर न्यायालय ने कहा कि फैसले के आलोचनात्मक विश्लेषण का स्वागत है. केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने में कोई अपवाद नहीं है.
सीआरपीसी के आधार पर गिरफ्तारी होती है
सुनवाई के क्र्म में सॉलिसिटर जनरल मेहता ने कहा कि पीएमएलए की धारा 19 के तहत अथॉरिटी को ये तय करना चाहिए कि क्या ऐसा कोई मैटिरियल मौजूद है, जिसके लिए किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी की जरूरत है. उसे एविडेंस का मूल्यांकन करने की न्यायिक शक्तियों का प्रयोग नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर किसी की शिकायत पर किसी शख्स को गिरफ्तार किया जाता है तो उनकी सीआरपीसी के आधार पर गिरफ्तारी होती है. इसके लिए वे सीधे संवैधानिक कोर्ट नहीं जाते. अदालत को इस तरह उन दरवाजों को नहीं खोलना चाहिए. इसके भयानक परिणाम होंगे. [wpse_comments_template]