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ईडी जांच में खुलासा : भू-माफियाओं और अफसरों ने महंगी जमीन हड़पने के लिए दस्तावेजों में की छेड़छाड़

Ranchi :  प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में खुलासा हुआ है कि भू-माफियाओं और सरकारी अधिकारियों ने महंगी जमीन हड़पने के लिए दस्तावेजों में छेड़छाड की है. सेना भूमि और चेशायर होम भूमि घोटाले की जांच कर रहे ईडी ने विशेष पीएमएलए अदालत को बताया है कि शक्तिशाली भू-माफियाओं और सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों ने रांची में महंगी जमीन हड़पने के लिए जमीन के दस्तावेजों में हेरफेर के साथ ही छेड़छाड़ की है. सदर थाना क्षेत्र स्थित चेशायर होम रोड स्थित एक एकड़ भूमि को हड़पने का काम एक बड़े कारोबारी द्वारा अन्य व्यक्तियों की सहायता से जाली और नकली दस्तावेज के माध्यम से किया गया है.

पुनीत भार्गव समेत अन्य पर दर्ज हुआ है मामला 

चेशायर होम रोड स्थित जमीन के मालिक होने का दावा करने वाले शिकायतकर्ता उमेश कुमार गोप ने पुनीत भार्गव, भरत प्रसाद, राजेश राय, लखन सिंह और इम्तियाज अहमद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है. पुनीत भार्गव को अवैध पत्थर खनन मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तार किए गए सत्ता दलाल प्रेम प्रकाश का करीबी बताया जाता है. सूत्रों के मुताबिक, ईडी को अपनी जांच में इस जमीन से संबंधित दस्तावेजों में छेड़छाड़ के सबूत मिले हैं. बताया गया कि कई अन्य जमीन हड़पने के लिए भी जाली दस्तावेज बनाया गया था.

पुनीत भार्गव ने जमीन एक बड़े कारोबारी को बेच दी

उमेश गोप का दावा है कि यह जमीन उनकी पैतृक संपत्ति है, जो उनके परदादा जगदीश महतो के नाम है. उन्होंने आरोप लगाया कि भू-माफियाओं ने यह दिखाने के लिए जाली दस्तावेज तैयार किए कि उनके पूर्वजों ने यह जमीन 1933 में गंगाधर राय को बेच दी थी. जगदीश राय के पोते ने इम्तियाज अहमद और भरत प्रसाद को इस जमीन की पावर ऑफ अटॉर्नी दे दी. और इन दोनों ने जमीन पुनीत भार्गव को बेच दी. बाद में पुनीत भार्गव ने जमीन एक बड़े कारोबारी को बेच दी. इसे भी पढ़ें – झारखंड">https://lagatar.in/announcement-of-all-out-fight-for-the-removal-of-jharkhands-congress-in-charge-and-state-president/">झारखंड

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