Ranchi : प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के तत्कालीन आप्त सचिव संजीव लाल के खिलाफ सरकार से अभियोजन स्वीकृति मांगी है. ईडी ने संजीव लाल के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति के लिए लिखे पत्र के साथ उसकी गड़बड़ियों से संबंधित दस्तावेज भी भेजे हैं.
इससे पहले ईडी ने पीएमएलए की धारा 66 (2) के तहत जांच में मिली सूचनाओं को सरकार के साथ साझा करते हुए प्राथमिकी दर्ज करने की अनुशंसा की थी. हालांकि सरकार के स्तर से प्राथमिक दर्ज किये जाने की सूचना नहीं है.
दरअसल ईडी ने संजीव लाल के घर और कार्यालय की तलाशी ली थी. इस दौरान ईडी ने संजीव लाल के ठिकानों से 10 लाख रुपये नकद सहित चल और अचल संपत्ति से संबंधित दस्तावेज जब्त किये थे.
इस मामले की जांच के दौरान ईडी ने ठेकेदार मुन्ना सिंह को समन कर पूछताछ के लिए बुलाया था. मुन्ना सिंह ने संजीव लाल को कमीशन के तौर पर 53 करोड़ रुपये वसूलकर देने की बात कही थी.
पूछताछ के दौरान संजीव लाल ने कमीशन में अपने हिस्से के रूप में 2.05 करोड़ रुपये लेने की बात स्वीकार भी की थी, लेकिन उसने इस राशि के खर्च का कोई ब्योरा नहीं दिया था.
जांच में यह भी पाया गया कि संजीव लाल ने अपनी पत्नी रीता लाल के नाम पर खूंटी जिले में 3.56 एकड़ कृषि भूमि खरीदी है. ईडी ने इस जमीन के सिलसिले में रीता लाल से भी पूछताछ की, लेकिन वह पैसे के स्रोत के बारे में जानकारी नहीं दे सकी.
जांच के दौरान संजीव लाल के खाते में भारी नकद राशि जमा होने की पुष्टि हुई थी. संजीव लाल की आमदनी और बैंक खाते में जमा राशि में बड़ा अंतर पाया गया था.