Ranchi : रांची के रेडिसन ब्लू होटल में आयोजित तीन दिवसीय (23 से 25 मई) राष्ट्रीय सम्मेलन EHG-2025 का रविवार को समापन हुआ, जिसमें देशभर से 450 से अधिक डॉक्टरों ने हिस्सा लिया. झारखंड के 120 डॉक्टरों ने भी इसमें सक्रिय भागीदारी निभाई. इस सम्मेलन में ब्लड कैंसर, सिकल सेल एनीमिया, थैलेसीमिया, प्लेटलेट की कमी, बोन मैरो ट्रांसप्लांट और जीन थेरेपी जैसे गंभीर और जटिल रोगों पर गहन चर्चा हुई. मौके पर सभी डॉक्टरों ने अपने-अपने अनुभव साझा किये. इस सम्मेलन का उद्देश्य आम लोगों तक गंभीर रोगों की सही जानकारी पहुंचाना था, ताकि लोग समय रहते बड़ी बीमारियों को पहचान सकें और सही इलाज करा सकें. साथ ही चिकित्सा क्षेत्र में हो रहे नवीन शोध व तकनीकों को साझा करना था. ब्लड कैंसर अब लाइलाज नहीं : डॉ. ज्योति कोतवाल दिल्ली से आईं वरिष्ठ हेमेटोलॉजिस्ट डॉ. ज्योति कोतवाल ने कहा कि झारखंड में सिकल सेल एनीमिया और थैलेसीमिया के मरीजों की संख्या काफी ज्यादा है. उन्होंने कहा कि ऐसे मरीजों के लिए और रेफरल सेंटर बनाए जाने चाहिए, ताकि बीमारी की जल्दी पहचान हो सके. डॉ. ज्योति ने कहा कि ब्लड कैंसर अब लाइलाज नहीं है. अगर समय रहते इसका पता चल जाए, तो कीमोथेरेपी और स्टेम सेल ट्रांसप्लांट से मरीज को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि गांवों में सहिया और आंगनवाड़ी वर्कर्स की मदद से Low TLC और Low Blood Count वाले मरीजों की पहचान की जा सकती है, ताकि समय रहते उनका इलाज शुरू हो सके. इसे भी पढ़ें : सटीक">https://lagatar.in/operation-based-on-accurate-input-naxalite-manish-yadav-accused-of-killing-19-soldiers-killed/">सटीक
इनपुट पर रात के अंधेरे में ऑपरेशन, 19 जवानों का हत्यारोपी नक्सली मनीष यादव ढेर देरी से जांच बन रही है जानलेवा : डॉ. शैलेंद्र वर्मा लखनऊ के डॉ. शैलेंद्र वर्मा ने कहा कि अधिकतर मरीज जब अस्पताल पहुंचते हैं, तब तक बीमारी गंभीर स्थिति में पहुंच चुकी होती है. जागरूकता की कमी ही इसका मुख्य कारण है. इसलिए लोगों को समय पर जांच और इलाज के लिए जागरूक करना जरूरी है, वरना छोटी बीमारियां भी जानलेवा बन सकती हैं. झारखंड इस मामले में अभी भी पीछे : डॉ. अभिषेक रंजन सम्मेलन के मुख्य आयोजक डॉ. अभिषेक रंजन ने कहा कि झारखंड अभी भी हेमेटोलॉजी जैसे महत्वपूर्ण विषय में काफी पीछे है. मरीजों को बीमारी की जानकारी देर से होती है, जिससे इलाज भी देर से शुरू होता है. हमें जरूरत है कि गांव-गांव में जागरूकता अभियान चलाएं. इसे भी पढ़ें : JSSC-CGL">https://lagatar.in/jssc-cgl-paper-leak-cid-files-chargesheet-against-two-accused/">JSSC-CGL
पेपर लीक : दो आरोपियों के खिलाफ CID ने चार्जशीट दाखिल की नई तकनीकों पर हुआ मंथन, मेडिकल छात्रों ने दिये प्रेजेंटेशन डॉ. अजय महलका ने बताया कि इस सम्मेलन में नई तकनीकों और आधुनिक उपचार के तरीकों पर बात हुई. देशभर से आए रेजिडेंट डॉक्टरों ने केस प्रेजेंटेशन दिए. बेहतरीन प्रस्तुति देने वालों को सम्मानित भी किया गया. सिविल सर्जन ने सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए दी बधाई रांची के सिविल सर्जन डॉ. प्रभात कुमार ने इस सफल आयोजन के लिए पूरी मेडिकल टीम को बधाई दी. उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन से न केवल झारखंड के डॉक्टरों को नई जानकारी प्राप्त हुई, बल्कि मेडिकल स्टूडेंट्स और एनजीओ से जुड़े लोगों के लिए भी यह एक शिक्षाप्रद मंच बना. इसे भी पढ़ें : पप्पू">https://lagatar.in/after-the-death-of-pappu-lohra-lovelesh-ganjhu-can-take-over-the-command-of-jjmp/">पप्पू
लोहरा के मारे जाने के बाद लवलेश गंझू संभाल सकते हैं JJMP की कमान

रांची में 450 डॉक्टरों का EHG सम्मेलन, ब्लड कैंसर व रक्त रोगों पर साझा किए अनुभव
