Search

14 साल बीतने पर भी सांसद सुनील महतो हत्याकांड के साजिशकर्ताओं तक नहीं पहुंच पायी जांच एजेंसियां

Saurav Singh Ranchi: तमाड़ विधायक रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड की गुत्थी साढ़े तीन महीने में ही एनआइए ने सुलझा ली थी. रमेश मुंडा के हत्या के पीछे कौन है, उसका भी खुलासा कर लिया गया. वहीं जमशेदपुर के तत्कालीन सांसद सुनील महतो हत्याकांड को 14 साल बीत चुके हैं. लेकिन हत्या की गुत्थी को जांच एजेंसियां अबतक नहीं सुलझा सकी हैं. इसे भी पढ़ें - चतरा">https://lagatar.in/chatra-sp-reaches-kaulashwari-the-stronghold-of-naxalites-said-do-not-be-afraid-of-the-police/40268/">चतरा

SP पहुंचे नक्सलियों के गढ़ कौलेश्वरी, कहा- डरें नहीं पुलिस का दें साथ

साजिशकर्ताओं तक अब भी एजेंसियां पहुंच नहीं पायी हैं

चार मार्च 2007 को झामुमो के सांसद रहे सुनील महतो समेत चार लोगों की जमशेदपुर के घाटशिला के बाघुडिय़ा फुटबॉल मैदान में नक्सलियों ने भीड़ के सामने गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस घटना के 14 साल गुजर गए हैं. लेकिन इस हत्याकांड के पीछे के साजिशकर्ताओं तक अब भी जांच एजेंसियां पहुंच नहीं पायी हैं. यह हाल तब है, जब मामले में केंद्रीय एजेंसी सीबीआइ तक को जांच सौंप दी गयी. मार्च 2018 में एनआईए ने मामले का अनुसंधान अपने हाथ में लिया है.

नक्सली राहुल दस्ते की संलिप्तता सामने आयी थी

जानकारी के अनुसार, सांसद सुनील महतो की हत्या में नक्सली राहुल दस्ते की संलिप्तता पुलिस और सीबीआइ जांच में सामने आयी थी. राहुल पर सीबीआइ ने दस लाख का इनाम रखा था. उसने अपनी पत्नी झरना के साथ बीते 25 जनवरी 2017 को बंगाल पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था. बंगाल की सरेंडर पॉलिसी के अनुसार सरेंडर करने वाले नक्सलियों को न्यायिक हिरासत में नहीं भेजा जाता हैं. ऐसा ही राहुल और उसकी पत्नी के साथ हुआ. दोनों को सीबीआइ रिमांड पर नहीं ले पायी. हत्या में नक्सली राजेश मुंडा को पुलिस ने अपनी जांच के दौरान बंगाल के पश्चिमी मिदनापुर सालबनी से 2009 में गिरफ्तार किया था. नक्सली असीम मंडल उर्फ आकाश,रामप्रसाद मार्डी उर्फ सचिन, जयंती, झरना, विकास, बेला समेत अन्य का नाम सामने आया था. झरना और रंजीत को छोड़ सभी फरार हैं.

नक्सलियों ने तीन बार किया था प्रयास

जानकारी के अनुसार, सुनील महतो की हत्या का रिहर्सल तीन बार किया गया था. गालूडीह के राजाबासा, हलुदबनी एवं चांडरी गांव में आयोजित हुए फुटबॉल एवं मेले में सांसद को मुख्य अतिथि बनाकर हत्या की कोशिश की गयी थी. गौरतलब है कि सुनील महतो हत्याकांड का राज एक करोड़ के इनामी नक्सली राकेश उर्फ असीम मंडल की गिरफ्तारी से खुलेगा. सूत्रों की मानें तो हत्याकांड का पूरा प्लान असीम मंडल ने रची थी. इस साजिश में नक्सली नेता डीजेन दा उर्फ द्विजैन हेंब्रम की भी अहम भूमिका थी.

ऐसे हुई थी सुनील महतो की हत्या

चार मार्च 2007 को होली के दिन सुनील महतो की हत्या जमशेदपुर बागुड़िया में कर दी गयी थी. घटना के वक्त सुनील महतो मुख्य अतिथि के रूप में एक फुटबॉल मैच के कार्यक्रम में पहुंचे थे. उन्हें वहां पर पुरस्कार वितरण करना था. इसी दौरान नक्सलियों ने उन्हें टारगेट कर फायरिंग शुरू कर दी. इस घटना में सुनील महतो के अलावा उनके दो अंगरक्षक और झामुमो के प्रखंड सचिव प्रभाकर महतो की मौत हो गयी थी. पहले मामले की जांच जिला पुलिस ने शुरू की. घाटशिला थाना में मामला दर्ज किया. पुलिस ने जांच शुरू की. कुछ लोगों को पकड़ा भी, लेकिन बाद में यह मामला सीबीआई को सौंप दिया गया. इस मामले की जांच एनआईए कर रही है. इसे भी पढ़ें -विज्ञान">https://lagatar.in/ministry-of-science-releases-fund-for-trial-of-effect-of-gayatri-mantra-in-the-treatment-of-corona-infection/40269/">विज्ञान

मंत्रालय ने कोरोना संक्रमण के इलाज में गायत्री मंत्र के प्रभावों के ट्रायल के लिए फंड जारी किया

Comments

Leave a Comment

Follow us on WhatsApp