Kiriburu : आस्था व सूर्य उपासना का महापर्व के अवसर पर छठ पर्व करने वाले लोगों को प्रतिवर्ष मेघाहातुबुरु के समाजसेवी सह दुकानदार रब्बे आलम निःशुल्क ईंट व अन्य सामान उपलब्ध कराते हैं. रब्बे आलम ईंट की बिक्री नहीं करते हैं, लेकिन छठ पर्व के लिए विशेष रूप से ईंट खरीदकर मंगवाते हैं. उल्लेखनीय है कि छठ पर्व से पूर्व छठ व्रतियों के घर में खरना का प्रसाद और ठेकुआ आदि बनाने का कार्य होता है. इसके लिए लोग घर में नया चूल्हा का निर्माण करते हैं. किरीबुरु-मेघाहातुबुरु शहर में ईंट की निरंतर समस्या रहती है, जिस कारण लोगों को चूल्हा बनाने के लिए परेशानी होती है. इसे भी पढ़ें : पूर्वी">https://lagatar.in/diwali-faded-for-1-28-lakh-pensioners-of-east-singhbhum-money-was-not-received-even-in-chhath/">पूर्वी
सिंहभूम के 1.28 लाख पेंशनरों की फीकी रही दिवाली, छठ में भी नहीं मिला पैसा इसी समस्या का समाधान पिछले कई वर्षों से मुस्लिम समुदाय के समाजसेवी रब्बे आलम प्रतिवर्ष लोगों को मुफ्त में ईंट उपलब्ध कराते हैं. छठ करने वाले लोग यहां से अपनी आवश्यकता अनुसार ईंट ले जाते हैं. उल्लेखनीय है कि किरीबुरु-मेघाहातुबुरु में सभी धर्म व समुदाय के लोग एकसूत्र में बंधकर सभी के पर्व-त्योहारों में शरीक होते और उन्हें सहयोग करते हैं. देश के किसी भी कोने में जाति व भाषा का झगड़ा हो, लेकिन इस शहर के लोगों में इसका फर्क नहीं पड़ता. इस शहर के मस्जिद कमेटी के सचिव अबरार अहमद हों या अफताब आलम, इंतखाब आलम आदि दर्जनों मुसलमान हिन्दुओं के पर्व दुर्गापूजा, छठ, विश्वकर्मा पूजा, होली, दीपावली आदि साथ मिलकर मनाते हैं. [wpse_comments_template]
किरीबुरु में भाईचारे की मिसाल : मुस्लिम समुदाय के रब्बानी हर वर्ष छठ में चूल्हा बनाने के लिए मुफ्त में बांटते हैं ईंट

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