Saurabh Singh
Bokaro: बोकारो जिला के तेतुलिया मौजा स्थित करीब 100 एकड़ से अधिक वन भूमि की अवैध खरीद-बिक्री के मामले में राज्य सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक पत्र लिखा है. राज्य सरकार ने गृह मंत्रालय को सूचना दी है कि इस मामले की जांच सीआईडी कर रही है.
उल्लेखनीय है कि मंटू सोनी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर बोकारो में वन भूमि की अवैध खरीद-बिक्री की जांच ईडी या सीबीआई से कराने का अनुरोध किया था. इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से इस मामले को लेकर राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी थी.
गृह मंत्रालय द्वारा रिपोर्ट मांगे जाने के बाद झारखंड सरकार ने गृह मंत्रालय को जानकारी देते हुए कहा कि इस मामले की जांच सीआईडी से कराई जा रही है. इस रिपोर्ट के बाद देखना होगा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय क्या निर्णय लेती है.
इसे भी पढ़ें – पल-पल बदल रहा मौसम: तेज हवाओं के साथ बारिश की संभावना, ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी
कल जांच के लिए पहुंची थी सीआईडी की टीम: इस जमीन घोटाले की जांच के लिए सीआईडी टीम शुक्रवार (11 अप्रैल) को बोकारो पहुंची थी. अधिकारियों ने दिनभर घोटाले से जुड़े कागजातों की जांच की. जैसे ही जांच की खबर बोकारो के सफेदपोशों व अधिकारियों को लगी, उनमें हड़कंप मच गया.
सीआइडी की टीम ने चास अंचलाधिकारी कार्यालय में बोकारो के डीएफओ रजनीश कुमार के साथ घंटों जमीन घोटालों से जुड़े कागजातों की छानबीन की. सूत्रों से मुताबिक, इस दौरान वॉल्यूम 60 से लेकर 75 नंबर तक का पेज फाड़ा हुआ पाया गया. जिसमें 400 एकड़ रिहायशी जमीन का रिकॉर्ड था.
क्या है पूरा मामलाः बोकारो के तेतुलिया में 100 एकड़ से ज्यादा वन भूमि को फर्जी दस्तावेज बनाकर बेच दिया गया. आरोप है कि इसमें भू-माफिया, अंचल कर्मी और बोकारो स्टील प्लांट के अफसरों की मिली भगत है. यह वो जमीन है, जिसे बोकारो स्टील प्लांट के द्वारा वन विभाग को वापस लौटाया गया था.
मामले को लेकर झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता के निर्देश पर जमीन घोटाला मामले की जांच सीआईडी को सौंप दी गई थी. सीआईडी बोकारो के सेक्टर 12 थाना में दर्ज कांड संख्या 32/2024 को टेकओवर कर अपनी जांच शुरू कर चुकी है.
वन विभाग की जमीन को माफिया द्वारा बेचे जाने का मामला सामने आने के बाद बोकारो वन प्रमंडल के प्रभारी वनपाल सह वनरक्षक रुद्र प्रताप सिंह ने थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई थी. जांच के बाद सामने आया कि बोकारो में अधिकारी और भू-माफियाओं ने मिलकर 100 एकड़ से अधिक जमीन फर्जी दस्तावेज बनाकर बेच दिया.
इसे भी पढ़ें – एक जून से लागू हो सकती है नयी उत्पाद नीति