- Vinit Abha Upadhyay
Ranchi : सेना के कब्जे वाली बेशकीमती भूमि की खरीद- बिक्री के केस में कोलकाता के व्यवसायी अमित अग्रवाल और दिलीप घोष को गुरुवार को ईडी कोर्ट में पेश किया गया. अदालत ने दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. पेशी के दौरान एजेंसी ने दोनों आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की इजाजत मांगी है. इस पर शुक्रवार को सुनवाई होनी है. अपनी इस खबर में हम आपको बता रहे हैं कि ईडी की अब तक की जांच में क्या -क्या तथ्य सामने आये हैं.
जिस जमीन को प्रदीप बागची ने जगत बंधु टी स्टेट को बेचा है, वह शेल कंपनी है
लैंड स्कैम मामले में ईडी को अब तक की जांच में यह जानकारी मिली है कि जिस जमीन को प्रदीप बागची ने जगत बंधु टी स्टेट को बेचा है, वह शेल कंपनी है. 5 सितंबर 2020 को जगत बंधु टी स्टेट के नाम से एक बैंक अकाउंट खुलता है. कंपनी का पता है- FMI हाउस, F3, ब्लॉक GP, सेक्टर 5, बिधाननगर, कोलकाता. यही पता अमित अग्रवाल के ऑफिस का भी है. जो बैंक अकाउंट खोला गया है, उसका खाता नंबर 10060532973 है. यह अकाउंट IDFC बैंक का है. 16 अक्टूबर 2020 से लेकर 25 जुलाई 2022 तक इस अकाउंट से करोड़ों रुपए का ट्रांजेक्शन होता है. लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि जगत बंधु टी स्टेट के नाम से खुले अकाउंट में जमा किये गए 4 करोड़ 69 लाख 80 हजार रुपए में से 4 करोड़ 13 लाख 87 हजार रुपए राजेश ऑटो मर्चेंटाइज प्राइवेट लिमिटेड के खाते में ट्रांसफर कर दिए गए. राजेश ऑटो मर्चेंटाइज प्राइवेट लिमिटेड अमित अग्रवाल की कंपनी है. पैसों का ट्रांजेक्शन विकास जाना और दिलीप शाह नाम के व्यक्तियों ने किया है और ये दोनों व्यक्ति अमित अग्रवाल के ही कर्मचारी हैं.
सौदा मात्र 7 करोड़ रुपए में दिखाया गया
जगत बंधु टी स्टेट के मालिक दिलीप घोष ने एमएस प्लाट-557 के रूप में दर्ज 4 एकड़ 55 डिसमिल भूमि की रजिस्ट्री के लिए स्टांप ड्यूटी के रूप में कुल 83 लाख 3 हजार 368 रुपए खर्च किये गए. इस रजिस्ट्री के लिए फीस के रूप में 62 लाख 34 हजार 460 रुपए सरकार को दिए गए. यानी कुल करीब एक करोड़ पैंतालीस लाख रुपए से ज्यादा पैसे रजिस्ट्री के लिए स्टांप और फीस के रूप में भुगतान किया गया. जगत बंधु टी स्टेट ने ये रकम इसलिए चुकाई, क्योंकि जमीन की सरकारी दर से निर्धारित कीमत करीब 4 लाख 55 हजार रुपए है. लेकिन पूरे भूखंड (4.55) एकड़ का सौदा मात्र 7 करोड़ रुपए में दिखाया गया. प्रदीप बागची ने रजिस्ट्री के वक्त निबंधन पदाधिकारी के सामने यह स्वीकार भी किया कि उसे 7 करोड़ रुपए चेक के माध्यम से मिले हैं. लेकिन इस पूरी डील में प्रदीप बागची को सिर्फ 25 लाख रुपए ही मिले. रजिस्टर्ड डीड में जिन 11 चेक का जिक्र किया गया है, वो कभी कैश ही नहीं हुए. यानी सभी चेक बाउंस कर गए. सभी चेक आईडीबीआई बैंक के थे. सबसे कम राशि का जो चेक था, वह 25 लाख रुपए का था, जिसका चेक नंबर 461153 है. सबसे ज्यादा राशि का चेक 1 करोड़ 25 लाख का है, जिसका चेक नंबर 00011 है. वहीं जो अन्य चेक जारी किये गए थे, उनका नंबर 000003 से लेकर 000012 तक है. इसके अलावा टीडीएस की राशि पंजाब नेशनल बैंक के खाते से की गई, जो दिल्ली शाखा का है.
लैंड स्कैम में अब तक इनकी गिरफ्तारी
लैंड स्कैम की अब तक की जांच में अमित अग्रवाल और दिलीप घोष से पहले ईडी रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन, बड़गाईं अंचल के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद, कथित रैयत प्रदीप बागची, जमीन कारोबारी अफसर अली, इम्तियाज खान, तल्हा खान, फैयाज खान व मोहम्मद सद्दाम को गिरफ्तार कर चुकी है.
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