NewDelhi : चीनी प्रोपेगेंडा की पोल खुल गयी है. गलवान प्रकरण को लेकर भारत ने चीन को मुंह तोड़ जवाब दिया है. जान लें कि गलवान में चीनी सैनिकों के झंडा फहराने वाले वीडियो के वायरल होने के बाद भारतीय जवानों की कुछ तस्वीरें सामने आयी हैं. इसमें न्यू ईयर पर भारतीय जवान गलवान में तिरंगा झंडा फहराते दिख रहे हैं.
In the Galwan Valley near the border with #India, under the characters “Never yield an inch of land,” PLA soldiers send new year greetings to Chinese people on January 1, 2022. pic.twitter.com/NxHwcarWes
— Global Times (@globaltimesnews) January 1, 2022
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यह जगह उस पॉइंट से काफी दूर थी
खबर यह है कि चीनी मीडिया और सोशल मीडिया यूजर्स ने हाल ही में एक वीडियो जारी किया था. इस वीडियो में चीनी सेना अपना झंडा फहराती नजर आ रही थी. चीनी यूजर्स दावा कर रहे थे कि चीनी सेना ने यह झंडा गलवान में हुई हिंसा वाली जगह पर फहराया है. हालांकि यह जगह उस पॉइंट से काफी दूर थी.
चीनी मीडिया के प्रोपेगेंडा वीडियो को सच मानते हुए भारत में विपक्षी दलों ने सरकार पर हल्ला बोल दिया. लेकिन जल्द ही यह बात साफ हो गयी कि गलवान घाटी पर चीनी दावे का जो वीडियो दिखाया जा रहा है वह LAC पर चीन की तरफ का है. चीन के प्रोपेगेंडा के जवाब में भारतीय सेना के जवानों ने असली तस्वीर दिखाई है. बर्फ से ढकी चोटी पर तिरंगे के नीचे खड़े जांबाज भारतीय जवानों की तस्वीर देख चीनियों के माथे पर पसीना जरूर निकलेगा.
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न्यू ईयर पर भारतीय जवानों ने तिरंगा फहराया था
इंडिया टुडे के अनुसार तस्वीरों में भारतीय सैनिक राष्ट्रीय ध्वज फहराते नजर आ रहे हैं. सैनिकों के पास हाल ही में सेना में शामिल की गयी नयी अमेरिकी सिग सॉर राइफलें नजर आ रही हैं. यह राइफल एक मिनट में 685 राउंड गोलियां दाग सकती है. यानी इस तस्वीर से समझा जा सकता है कि गलवान में भारत की क्या तैयारी है. सूत्रों के अनुसार न्यू ईयर पर भारतीय जवानों ने तिरंगा फहराया थ.
दरअसल, 15 जून 2020 को गलवान घाटी के पेट्रोल पॉइंट 14 पर भारत और चीनी सेना के बीच झड़प हुई थी. इस झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गये थे. इसमें कर्नल संतोष बाबू भी शामिल थे. इसके बाद से दोनों देशों के बीच टेंशन काफी बढ़ गयी थी. इस झड़प में चीन को भी काफी नुकसान पहुंचा था. हालांकि, चीन की ओर से आधिकारिक आंकड़े जारी नहीं किये गये.
. बता दें कि भारत लगातार PP 14 पर चीनी अधिग्रहण का विरोध करता रहा है. इसी कारण यह झड़प हुई थी. इस झड़प के बाद दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया था. हालांकि, कई स्तर की बातचीत के बाद दोनों देश अपनी सेनाएं पीछे हटाने को तैयार हुए. इसके बाद विवादित जगह को बफर जोन बनाया गया है. इसके अलावा PP 14 को नो पेट्रोल जोन बनाया गया है. दोनों देशों की सेनाएं इस जगह पर 1.5-1.5 किमी पीछे हट गयी हैं.
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