Ranchi : राजधानी रांची से एयर कार्गो व्यवस्था होने के बावजूद राज्य के किसानों को इसका लाभ नहीं मिल रहा. लॉकडाउन होने के कारण सब्जियां और फल बर्बाद हो रहे हैं. इससे किसानों को घाटा उठाना पड़ रहा है. उनके कृषि उत्पाद औने-पौने भाव में बिक रहे हैं. इनके कारोबार के लिए पूरे समय तक बाजार उपलब्ध नहीं हैं. फल-सब्जियां सड़कर बर्बाद हो रहे हैं. संसाधन होने के बावजूद राज्य सरकार उदासीन है. यदि सरकार थोड़ा भी प्रयास करती तो किसानों की सब्जियां घंटे-दो घंटे में महानगरों के बाजारों में होतीं और उन्हें इसका भरपूर लाभ मिलता.
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दो से तीन रुपये किलो बिक रहे तरबूज
अभी बाजारों में बिकनेवाले 25 रु प्रतिकिलो बिकनेवाला तरबूज 10 रु प्रति पीस (तीन किलो के करीब) बिक रहा है. फिर भी खरीदनेवाले उपलब्ध नहीं हैं. लॉकडाउन के कारण बाजार में ग्राहक काफी कम है. टमाटर से लेकर फूलगोभी तक हर सब्जी कौड़ी के मोल बिक रहे हैं. इस सीजन में 40-50 रू प्रतिकिलों बिकनेवाला गाजर, टमाटर, शिमला मिर्च, फूलगोभी व अन्य सब्जियां 10 से 20 रुपए किलो बिक रही हैं. वह भी खरीदने वाले नहीं हैं. इससे किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है.
हर दिन सौ टन भेजने की क्षमता
रांची एयरपोर्ट पर पिछले चार साल से एयर कार्गो की सेवा उपलब्ध है. लेकिन यहां से भेजे जानेवाले कृषि उत्पाद क्षमता से काफी कम है. हर दिन यहां से आमतौर पर 90 से लेकर सौ टन सब्जियों को भेजने की क्षमता है. लेकिन यहां से प्रतिदिन बाहर जाने वाली दो से तीन टन सब्जियों का कार्गो व्यापार भी ठप हो गया है. पिछले वर्ष अप्रैल 2019 से लेकर मार्च 2020 तक पूरे एक साल के दौरान 4,373 टन कार्गो का व्यापार था.
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कार्गो विमान का परिचालन भी संभव हो पाता
कोरोना और लॉकडाउन के दौरान यात्रियों की अभाव में विमानन कंपनियों को इससे और भी लाभ होता. इससे आवाजाही करनेवाले विमानों की संख्या तो बढ़ती ही है, कार्गो विमान का परिचालन संभव होता. लेकिन किसानों के उत्पाद एयर कार्गो भवन तक कैसे पहुंचेगा, इसकी व्यवस्था नहीं की गई. एयरपोर्ट कार्गो भवन बनाने में राज्य सरकार ने अपना योगदान दिया है, लेकिन भवन बनने के आगे की सभी प्रक्रिया ठप हो गई.
सभी कंपनियों ने खोले हैं कार्गो कार्यालय
हालांकि भवन बनने के बाद यहां से आवाजाही करनेवाले सभी एयरलाइंस कंपनियों ने अपने कार्गो ऑफिस भी खोल लिए हैं. एयरपोर्ट के अधिकारी कार्गो को बढ़ाने के लिए अपने स्तर से काफी प्रयास भी कर रहे हैं. पिछले महीने तक यहां पर तैनात कार्गो अधिकारी राजकुमार कृषि मंत्री बादल पत्रलेख से लेकर राज्य के अधिकारियों और चेंबर ऑफ कॉमर्स के अधिकारियों से मिल चुके हैं. बावजूद अब तक इस दिशा में राज्य सरकार की ओर से सार्थक प्रयास नहीं हुआ.
करना होगा स्टेट वेयरहाउस का गठन
कार्गो अधिकारी के अनुसार अभी भी किसानों के खेत से लेकर उनके उत्पादों को कार्गो भवन तक पहुंचाने की व्यवस्था ही नहीं बनी है. इसके राज्य में स्टेट वेयरहाउस कॉरपोरेशन होता है. जो किसानों के खेत से लेकर एयर कार्गो तक उत्पादों को भेजने की व्यवस्था करता है. इसके तहत किसानों की सब्जियां तथा अन्य उत्पाद उनके खेतों से खरीदकर वेयरहाउस तक लाया जाता. वहां पर जरूरत के हिसाब से उचित पैकिंग कर कार्गो भवन तक पहुंचाया जाता है. यहां पर यह व्यवस्था स्थानीय सरकार को बनानी होगी. एयर कार्गो की वरीय प्रबंधक निरुपम दास कहते हैं कि कार्गो भेजने के लिए यहां सभी संसाधन उपलब्ध है. संक्रमण के कारण यह व्यापार अभी पूरी तरह ठप है. जो भी सब्जियां पहले भेजी जाती थीं, वह भी अब कभी कभार ही कार्गो के लिए आती है.