सांसदों और विधायकों के आवास के समक्ष किया प्रदर्शन
Ranchi: कृषि कानून के विरोध में किसानों ने शनिवार को बिल की प्रतियां जलायी. पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत किसानों ने सांसदों और विधायकों के आवास और कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया. इसमें मुख्य फोकस भाजपा या उसकी समर्थित पाटियों के नेताओं के कार्यालय या आवास के समक्ष प्रदर्शन करना था. हालांकि स्थिति को ध्यान में रखते हुए लोग सांसदों और विधायकों के आवास तक नहीं पहुंच सकें. जिसके बाद कुछ सार्वजनिक स्थानों पर भी प्रदर्शन किया गया. झारखंड राज्य किसान संघर्ष समन्वय समिति की ओर से इसका आयोजन किया गया. महासचिव सुफल महतो ने कहा कि मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में इसका विरोध किया गया. इस दौरान सिल्ली विधायक सुदेश महतो समेत राहे, सोनाहातु जैसे सार्वजनिक स्थानों में प्रदर्शन किया गया.
देशव्यापी है आंदोलन
सुफल ने कहा कि किसान आंदोलन को छह महीने हो गये हैं. ऐसे में केंद्रीय किसान संगठनों की ओर से देशव्यापी क्रांति दिवस मनाया गया. जिसके तहत विरोध प्रदर्शन किया गया. उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में राज्य के झारखंड राज्य किसान सभा, अखिल भारतीय किसान सभा, किसान महासभा, किसान संग्राम समिति समेत अन्य संगठनों का सहयोग रहा. सुफल ने कहा कि पांच जून को ही केंद्र सरकार ने कृषि कानून पास किया था. ऐसे में इस दिन को देशव्यापी क्रांति दिवस के रूप में मनाया गया. सुफल ने कहा कि किसानों की सिर्फ एक मांग है कि कृषि कानून वापस हो.
सामाजिक दूरी का पालन करते हुए विरोध
झारखंड राज्य किसान सभा के महासचिव सुरजीत सिन्हा ने बताया कि सभी जगहों में आंदोलन समाजिक दूरी का पालन करते हुए किया गया. सरकारी दिशा निर्देशों का इस दौरान ध्यान रखा गया. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों केंद्र में चल रहे किसानों के आंदोलन को छह महीने हो गये. केंद्र की भाजपा सरकार ने अब तक बिल वापस लेने की घोषणा नहीं की. जबकि इसके लिये कई चरणों में वार्ता हुई है. सरकार को चाहिये की किसानों की मांग मानें.
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