Bermo : कसमार व जरीडीह प्रखंड के कई गांवों के किसान जंगली सुअर के आतंक से परेशान हैं. सुअर का झुंड खेतों में लगे धान व आलू फसल को शाम होते ही रौंद डालता है. एक झुंड में 10 से 15 की संख्या में सुअर रहता है.
12 दिसंबर की रात कोतोगढ़ा गांव के टोला गट्टीगढ़ा में दिलीप महतो के खेत में लगे आलू फसल को सुअरों ने बुरी तरह नष्ट कर दिया. सुअरों से हो रही परेशानी के बारे में गट्टीगढ़ा के शिक्षक काशीनाथ महतो, रोरिया के नागेश्वर महतो, मुरहुलसुदी पंसस श्रीकांत सोरेन, चौड़ा के किसान सुरज टुडू, गुमनजारा के नरेश सोरेन ने बताया कि पाड़ी, चौड़ा, रोरिया, गरगरकोचा जंगलों में सुअर रहता है.
आलू फसल को सुअरों ने बुरी तरह किया नष्ट
खेतों के अलावा जंगल किनारे स्थित कई गांवों में भी सुअर का आतंक है. दिन ढ़लते ही झुंड में सुअर आ धमकता है, जिससे ग्रामीण डरे हुए हैं. जिन गांवों में सुअरों का आतंक है, वे गांव निम्न हैं- चौड़ा, रोरिया, गट्टीगढ़ा, लिपु, लाहारजारा, उडुमसुकूम, पाड़ी, बाधाडीह, भस्की, ढ़ेरमरवा, सुदी, जुमरा, भुरसाटाड़, केदला, देशवल, गुमनजारा, हड़ताली, हिसीम, त्रियोनाला समेत अन्य गांव.
झुंड में आता है सुअर
भुक्तभोगी किसानों का कहना है कि सुअरों के आतंक से निजात दिलाने के लिए वन विभाग लापरवाह है. कुछ दिनों पूर्व हाथियों ने फसल रौंद डाले थे. अब सुअर फसल रौंद रहा है.
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