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रासायनिक उर्वरक के प्रयोग से खेत हो रहे बंजर - कृषि वैज्ञानिक

Ranchi : पुरूलिया रोड स्थित समाज विकास केंद्र सभागार हॉल में रोमन कैथोलिक सोशल विंग की ओर से एक दिवसीय राज्य स्तरीय किसान सम्मेलन आयोजित हुआ. जिसमें पांच जिले खूंटी, रांची,सिमडेगा, गुमला और हजारीबाग के 100 प्रगतिशील किसान शामिल हुए. इस अवसर पर बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक रवि कुमार ने कहा कि वर्तमान समय में रासायनिक उर्वरकों के अत्यधिक प्रयोग के कारण भूमि की उर्वरता कम होती जा रही है. मौसम में काफी बदलाव हो रहा है. जिससे धीरे-धारे खेती का मौसम भी शिफ्ट हो गया है. आने वाले समय में लोगों को खाद्यान संकट से जूझना पड़ेगा. इससे उबरने के लिए जैविक खेती ही विकल्प है. क्योंकि कम समय में फसल की ज्यादा पैदावार की जरूरत है. रवि कुमार ने बताया कि जैविक खेती कम पानी में हो जाती है. इसे भी पढ़ें -हाईकोर्ट">https://lagatar.in/high-court-said-insurance-company-is-liable-to-pay-compensation-even-in-case-of-death-of-hired-driver/">हाईकोर्ट

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मोटे अनाज को बढ़ावा देने की जरूरत

कृषि वैज्ञानिक रवि कुमार ने बताया कि कम पानी में मोटे अनाज मड़ुआ, गोंदली, ज्वार, कोदो की खेती को बढ़ावा देने की जरूरत है. ये पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं. इन खेती में कम पानी में बढ़िया फसल होती है. उन्होंने कहा कि यदि श्री विधि और एरोबिक विधि से खेती की जाए तो बहुत कम पानी में ही बढ़िया उपज प्राप्त कर सकते हैं. संस्था के निदेशक फादर बिपिन पानी ने कहा कि किसानों को परंपरागत कृषि को संरक्षित करने की जरूरत है और जैविक कृषि को बढ़ावा देना है. बड़कागांव के किसान नकुल महतो ने किसानों को सूकरपालन से संबंधित जानकारी साझा की. उन्होंने कहा कि यदि किसान खेती कार्य के साथ-साथ सुकर पालन का भी कार्य करें, तो उन्हें इससे दो गुना लाभ प्राप्त हो सकता है. सुकर से प्राप्त मल एवं गाय के गोबर से जो खाद तैयार होता है, वह खेतों के लिए बहुत ही लाभदायक होता है और पैदावर की क्षमता भी दोगुना होता है.

प्रदर्शनी में लगाये गये परंपरागत बीज

प्रदर्शनी में गोड़ा धान, करहैनी धान, जटंगी, सरसों, मड़ुआ, ज्वार के अलावा विभिन्न प्रकार के दाल लगाये गये थे.

ये किसान हुए सम्मनित

नितरन धान,तिनतुस केरकेट्टा, रेमिस रुंडा, नीलमणि टोप्पो, नारायण इंदवार, लियो डुंगडुंग, प्रकाश बरवा, राजो एक्का और विंसेंट ओडेया को उत्कृष्ट किसान संस्था के निदेशक फादर बिपिन पानी ने स्मृति चिन्ह और शाल ओढ़ा कर सम्मानित किया.

कार्यक्रम में ये शामिल थे

कार्यक्रम में वाल्टर केरकेट्टा, मनीष टोप्पो, अर्चना कुजूर, संजय टोप्पो, सुखराम टोप्पो, रोशन बोदरा, कॉर्नेलियुस रुंदा, सुमित डुंगडुंग, सिप्रियां केरकेट्टा, सिस्टर अन्ना खलखो, एलियास सुरीन समेत अन्य मौजूद थे. इसे भी पढ़ें -रांचीः">https://lagatar.in/ranchi-meeting-of-hec-supply-contract-apprentice-labor-union-warned-of-agitation/">रांचीः

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