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वित्त मंत्री का स्पीकर को पत्र, विधानसभा परिसर में डॉ अंबेडकर की आदमकद प्रतिमा लगाने का आग्रह

 Ranchi :  झारखंड के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने स्पीकर रवींद्र नाथ महतो को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने स्पीकर से झारखंड विधानसभा परिसर में डॉ भीमराव अंबेडकर की आदमकद प्रतिमा लगाने का आग्रह किया है.  

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उन्होंने कहा  कि डॉ. भीमराव अंबेडकर एक व्यक्ति नहीं थे, एक विचार थे, क्रांति थे. एक ऐसी प्रेरक रौशनी थे, जो सदियों से अंधेरे में डूबे समाज को समानता एवं न्याय का प्रकाश दिखाने आये थे. मध्य प्रदेश के महु में एक दलित परिवार में जन्मे डॉ. बाबा साहेब ने अपने जीवन में हर उस बाधा को तोड़ा जो सामाजिक एवं सांस्कृतिक रूढ़ियों ने उनके सामने खड़ी की थी. 

 

राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि एक दलित परिवार में जन्म लेने के बावजूद उन्होंने न केवल भारत में, बल्कि विश्व के प्रतिष्ठित संस्थानों कोलंबिया विश्वविद्यालय, लंदन स्कूत ऑफ़ इकोनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की. 

 


सबसे बड़ी उपलब्धि भारत के संविधान का निर्माण

 


 वित्त मंत्री ने पत्र में आगे लिखा है कि उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि भारत के संविधान का निर्माण, एक ऐसा संविधान, जिससे हर भारतीय को समानता, स्वतंत्रता और न्याय का अधिकार उपलब्ध कराया. डॉ. बाबा साहेब ने न सिर्फ दलित समाज को सशक्त किया बल्कि महिलाओं, श्रमिकों और किसानों के अधिकारों के लिए भी बुलंद आवाज उठाई.

 

उन्होंने छूआछूत के विरुद्ध आंदोलन चलाया. उनके ही योगदान से दलितों को राजनीतिक प्रतिनिधित्व प्राप्त हुआ है. उन्होंने लाखों-करोड़ों लोगों को नया मार्ग दिखलाया, एक ऐसा मार्ग जो समता करुणा और बंधुत्व पर आधारित है.

 

ऐसा संविधान दिया, जो हर इंसान को देता है हक 

 

बाबा साहब ने एक ऐसा संविधान दिया है जो हर इंसान को हक देता है. उन्होंने एक ऐसी व्यवस्था बनाई, जिसमें हर व्यक्ति को अपनी पहचान के साथ जीने का अधिकार है. डॉ. बाबा साहब का सम्मान हर उस व्यक्ति के लिए जरूरी है, जो समानता और न्याय में विश्वास रखता है.

 

बाबा साहब के विचारधाराओं का सम्मान भारत की सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक तथा एकता और अखंडता के लिए आवश्यक है डॉ. भीमराव अंबेडकर की आदमकद प्रतिमा झारखंड विधानसभा परिसर में लगाई जाये
  

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