बार रिपब्लिक डे पर कोई भी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष अतिथि नहीं होगा : विदेश मंत्रालय
सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर महामारी के पूर्व के स्तर से नीचे रहेगी
फिच की रिपोर्ट भारत मध्यम अवधि की सुस्त वृद्धि की राह पर’ में कहा गया है कि अगले वित्त वर्ष में अच्छी वृद्धि दर्ज करने के बाद वित्त वर्ष 2022-23 से 2025-26 तक भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर सुस्त पड़कर 6.5 प्रतिशत रहेगी. भारतीय अर्थव्यवस्था पर टिप्पणी में फिच रेटिंग्स ने कहा,आपूर्ति पक्ष के साथ मांग पक्ष की अड़चनों...मसलन वित्तीय क्षेत्र की कमजोर स्थिति की वजह से भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर महामारी के पूर्व के स्तर से नीचे रहेगी. इसे भी पढ़ें : किसान">https://lagatar.in/no-compromise-on-farmer-interest-bhupinder-singh-mann-withdraws-name-from-supreme-court-panel-2/17809/">किसानहित से समझौता नहीं: भूपिंदर सिंह मान सुप्रीम कोर्ट के बनाये पैनल से हटे
भारत में अर्थव्यवस्था की स्थिति अब सुधर रही है
फिच ने कहा कि कोरोना वायरस की वजह से भारत में मंदी की स्थिति दुनिया में सबसे गंभीर है. सख्त लॉकडाउन और सीमित वित्तीय समर्थन की वजह से ऐसी स्थिति बनी है. रेटिंग एजेंसी ने कहा कि अर्थव्यवस्था की स्थिति अब सुधर रही है. अगले कुछ माह के दौरान वैक्सीन आने की वजह से इसे और समर्थन मिलेगा. हमारा अनुमान है कि 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था 11 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेगी. चालू वित्त वर्ष 2020-21 में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 9.4 प्रतिशत की गिरावट आयेगी. फिच रेटिंग्स ने कहा कि कोविड-19 संकट शुरू होने से पहले ही भारतीय अर्थव्यवस्था नीचे आ रही थी. 2019-20 में जीडीपी की वृद्धि दर घटकर 4.2 प्रतिशत पर आ गयी थी. इससे पिछले वित्त वर्ष में यह 6.1 प्रतिशत रही थी. फिच का अनुमान है कि 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत रहेगी. इससे अगले तीन वित्त वर्षों में यह 6.6 प्रतिशत रहेगी. इसे भी पढ़ें : किसान">https://lagatar.in/resignation-of-dushyant-dave-chairman-of-supreme-court-bar-association-who-is-advocating-kisan-andolan-case/17862/">किसानआंदोलन केस की पैरवी कर रहे सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन केअध्यक्ष दुष्यंत दवे का पद से इस्तीफा