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अफसरों की नीयत में खोट, सदन में भ्रामक जवाब से हो रही सरकार की किरकिरी : सरयू राय

LagatarDesk : निर्दलीय विधायक और पूर्व मंत्री सरयू">https://lagatar.in/jharkhand-poor-houses-being-constructed-in-the-state-at-a-slow-pace-only-190789-are-built-in-357518-houses/39654/">सरयू

राय ने सदन में अधिकारियों के खिलाफ तल्ख टिप्पणी की है. उन्होंने कहा है कि अधिकारी सूचना नहीं देते. उनकी गर्दन में उंगली डाल कर सूचना निकालनी पड़ेगी. इसी मुद्दे पर लगातार. इन ने सरयू राय ने खास बातचीत की. सरयू राय का कहना है कि अधिकारियों की नीयत में खोट है. उन्हें लगता है कि अगर सही जवाब दिया तो वे फंस जाएंगे. राय ने स्पीकर">https://lagatar.in/raiyats-protest-against-bccl-management-demand-compensation/39648/">स्पीकर

को एक पत्र लिख कर ऐसे अधिकारियों को विशेषाधिकार हनन का नोटिस देने की भी मांग की है . सरयू राय ने कहा कि औसतन हर रोज उनके दो सवाल होते हैं. लेकिन उन्हें संतोषजनक उत्तर नहीं मिलता. इसमें गलती मंत्रियों की भी नहीं है, क्योंकि कई बार सवाल ही उन्हें काफी देर से मिलता है. अधिकारी जो जवाब देते हैं मंत्री वही मान लेते हैं. उन्होंने कहा कि खनन विभाग, राजस्व विभाग और उद्योग विभाग के कई सवालों के जवाब गोलमटोल मिले हैं. इसे भी पढ़ें : धनबाद:">https://lagatar.in/dhanbad-woman-raped-at-knife-point-accused-arrested/39642/">धनबाद:

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विभागों का प्रगति प्रतिवेदन 20 साल से एक जैसा

सरयू राय का कहना है कि हर विभाग बजट सत्र में प्रगति प्रतिवेदन देते हैं. लेकिन पिछले बीस सालों में देखें तो हर रिपोर्ट में लगभग वही भाषा होती है. खान विभाग की बात करें तो अधिकारी सिर्फ रॉयल्टी की जानकारी देकर अपने कर्यव्यों का निर्वहन नहीं कर सकते. बल्कि उन्हें थोड़ा डायनेमिक होकर देश और दुनिया के साथ चलना चाहिए. पूर्वी सिंहभूम में कितने ही दुर्लभ खनिज हैं, लेकिन विभाग इसका कोई फायदा नहीं उठा पा रहा है. इन रेयर एलिमेंट का उपयोग पनडुब्बी से लेकर हवाई जहाज तक के निर्माण में होता है. माइका की सारी बहस ढीबरा में आकर खत्म हो जाती है, जबकि राजस्थान इस ढीबरा का निर्यात जापान को करता है.

पहले से लगे उद्योगों की सुधि नहीं, नये को बुलावा

उद्योग विभाग की बात करें तो मोमेंटम झारखंड से लेकर आज तक काफी तामझाम हो रहा है. लेकिन जो उद्योग पहले से हैं, उनकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है. अगर उन्हें सुविधाएं मुहैया कराएंगे तो वे खुद और उद्योगों को आमंत्रित करेंगे. सरयू राय ने कहा कि अब बजट सत्र समाप्त होने में सिर्फ दो दिन बचे हैं और एक साल के बाद ही बड़ा सत्र होगा. इस सत्र में ज्यादातर हंगामा ही हुआ है और प्रश्नकाल काफी कम हुआ है. ऐसे में अधिकारी भी थोड़े लापरवाह हो जाते हैं. अगर सदन सही रूप से चले, तो अधिकारी भी सही जवाब लेकर आयेंगे. गलत जवाब आने से सरकार की साख भी गिरती है. क्योंकि जनता के लिए अधिकारी नहीं, बल्कि मंत्री और मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं. इसे भी पढ़ें : FSO">https://lagatar.in/fso-raids-seized-about-12-lakh-paan-masala-investigation-continues/39625/">FSO

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