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खाद्य सुरक्षा जन अधिकार मंच ने आंगनबाड़ियों को खोलने की मंत्री से की मांग

Chakradharpur: राज्य में कोविड़ काल के दौरान आंगनबाड़ी की स्थिति काफी अराजक हो गई है. आंगनबाड़ी से मिलने वाला पोषाहार भी बच्चों को नियमित नहीं मिल रहा है. 6 महीने से 3 वर्ष के बच्चों और 3-6 वर्ष के बच्चों को पोषाहार दिया जाना है. वहीं सूखा राशन भी हर माह मिलने के बजाय 3-4 महीने में एक बार ही मिलता है. ये कहना है खाद्य सुरक्षा जन अधिकार मंच का. [caption id="attachment_122446" align="aligncenter" width="586"]http://lagatar.xprthost.in/wp-content/uploads/2021/08/Lagatar.in_-215x300.jpg"

alt="" width="586" height="817" /> मंच के सदस्यों ने मंत्री को सौंपा मांग पत्र[/caption] मंच के सदस्यों ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर दी जाने वाली पोषाहार की मात्रा भी तय वजन से काफी कम है. पिछले दो साल में सूखा राशन केवल 4-5 बार ही कम मात्रा में लाभुकों को दिये गये. जिसमें अलग-अलग माह में कभी चावल, कहीं साथ में आलू ही दिया जाता रहा है. वहीं गर्भवती और धात्री महिलाओं को मिलने वाले पोषाहार की स्थिति राज्य में दयनीय है. इन सवालों को लेकर सोमवार को खाद्य सुरक्षा जन अधिकार मंच, पश्चिमी सिंहभूम का एक प्रतिनिधिमंडल सामाजिक सुरक्षा मंत्री जोबा माझी के चक्रधरपुर स्थित आवास पहुंचा था. इसे भी पढ़ें-जुगसलाई">https://lagatar.in/jugsalai-medical-officer-in-charge-was-in-ot-during-the-inspection-of-health-minister/122414/">जुगसलाई

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फोन पर हुई मंत्री से बात

प्रतिनिधिमंडल के सदस्य संदीप प्रधान ने बताया काफी देर इंतजार करने के बाद भी मंत्री से मुलाकात नहीं हुई. उनसे फोन पर बात हुई. फोन पर हुई चर्चा के अनुसार प्रतिनिधिमंडल ने संलग्न मांग पत्र उनके कार्यालय में जमा किया करा दिया है. [wpse_comments_template]
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