Hasan Jamar Zaidi
इस कोरोना के चक्कर में आस पड़ोस की अपडेट नहीं देख पाए. ऐसा स्वाभाविक भी है जब अपना मामला उलझा हुआ हो तो… अपडेट से तो लगता है कि मैदान कहीं न कहीं किसी न किसी रुप में सजने वाले हैं.
बाइडेन अंकल फुल पैंतरैबाजी खेल रहे हैं. प्वाइंट वही है जो पहले थी. अफगानिस्तान में वो बोल रहे हैं कि हमारे लोंडे 11 सितंबर के बाद अफगानिस्तान खाली करेंगे. जबकि भूरे चच्चा और आदर्श छात्रों के बीच 1 मई को निकलने की डील हुई थी. इससे आदर्श छात्र बहुत गुस्से में है और उन्होंने टर्की में होने वाले इस्तेमा को भी कैंसिल कर दिया है.
अब वो 11 सितंबर तक की डेट क्यू मांग रहे हैं? क्या वाकई वो ऐसे ही शांति से निकल जायेंगे. अगर ऐसे ही निकलना होता तो 1 मई को ही निकलने में क्या हर्ज है ? इस कंडीशन में डंडे बजना तय है. अगर लठ्ठ बजे तो सप्लाई रुट किधर से लेंगे ?
गरीब पड़ोसी पहली बार अपने भूतपूर्व आका के सामने हिम्मत जुटा कर इतना बोल पाया है कि अफगानिस्तान मसले का हल सिर्फ मुजाकरात वार्ता से है. मतलब वो फौजी सप्लाई के लिए अपना जमीनी रास्ता देने के मूड में फिलहाल तो नहीं है. अब बाइडेन उसका इलाज ढूंढने के लिए भी प्रयासरत होंगे. लेकिन खान अगर अड़ गये तो वो बाइडेन का भी या हबीबी जैसा ट्रीटमेंट कर देंगे.
दूसरी तरफ ईरान के नैतांज एटोमिक बेस पर एक साइबर इलैक्ट्रिक अटैक हुआ है. जिसमें उनकी इलैक्ट्रिक सप्लाई बाधित करके सैफ्टी फ्यूज को नुक्सान पहुंचाया गया है. और यूरेनियम की इनरीचमेंट रोकने की कोशिश की गयी.
इसमें प्लांट में काम करने वाला आदमी ईरान ने अरेस्ट भी किया है. बताया जा रहा है कि ये मोसाद की पैरोल पर था. इसी के माध्यम से वो अटैक कर पाए. उनका कहना है कि समय रहते इसे कंट्रोल कर लिया हमने. आईआर-1 लेवल के सेफ्टी फ्यूज को नुकसान पहुंचा है और इसे तो हम वैसे भी बदलने वाले थे. इजराइल के जेरुसलम पोस्ट ने इसका जश्न मनाते हुए लिखा है कि हमने उन्हें 9 महीने पीछे छोड़ दिया है.
ईरान ने इसका जवाब देने का फैसला किया है और कहा है कि वक्त और जगह हम तय करेंगे. और जवाब ठीक ठाक वाला देंगे. याहू तुम ज्यादा देर खुश नहीं रह पाओगे, हम तुम्हारी शुगर बढ़ाएंगे और प्लेटलेट डाउन करेंगे.
वहां पब्लिक का प्रेशर भी है के मारते क्यूं न हो श्यालो को. हम इतनी बाऊडेशन झेलकर इतना सब कुछ बनाए हैं किस लिए ? और बात भी सही है इंसान बढ़िया कपड़े लत्ते इसीलिए तो बनाता है कि पार्टी, शादी ब्याह में पहनकर जाए.
भाई डेन ने पुत्तन चच्चा को युक्रेन में उलझाने की कोशिश की है. जबकि रुसी विदेश मंत्री उस समय ईरान में ही मौजूद थे, जब ये साइबर अटैक हुआ. ईरान जियो पोलिटिक्स के सेनारियो से भी रुस और चाइना के लिए महत्वपूर्ण है. रुस को गर्म पानी के समुद्र तक आना है. हालांकि उसके पास बर्फीले पानी में चलने वाली हाईटेक सबमरीन है. जो बर्फ फाड़कर भी सतह पर आ जाती है.
रुस और ईरान में कोई बड़ी डील हो चुकी है. चाइना के साथ तो वो है ही. इसलिए कोन्हू टेंशन की बात तो नहीं है उनके लिए. याहू से वो सुलट लेंगे.
बाइडेन वियना समिट में ईरान के साथ बैकफुट पर आ गये थे. जिससे याहू तपित और विचलित हो उठा. उसने सोचा बाइडन अंकल तुम्हारा तो कुछ नहीं बिगड़ेगा. तुम 14 हजार किमी दूर हो. लेकिन मेरी बदमाशी ज़रुर रिल जायेगी.
कभी-कभी बहुत बुद्धीमान चतुर प्राणी भी जो दूसरों को लड़वाता रहता है, लेकिन जब अपने ऊपर आती है तो, मानसिक संतुलन खो बैठता है और गलत कदम उठा लेता है. ईश्वर हम सबको सदबुद्धी दे.
बाकी सब ठीक है. हमें क्या
मतलब. फालतू लफड़ों में नहीं पड़ना चाहिए. जहां तक हो सके मुंह बंद रखिए मतलब मास्क लगाएं रखिए. अपनी हर लेख में कहता आ रहा हूं. लेकिन बहुत लोग हंसी में उड़ा देते हैं. ऐसी बात पर कम लोग ही ध्यान देते हैं. आप को लगता होगा गो करोना, गो हो गया ? देखिए क्या हालात हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट लॉकडाउन के लिए सजेशन दे रहा है.
डिस्क्लेमर : ये लेखक कोे निजी विचार हैं.