NewDelhi : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, लोगों को समय पर और उसके अनुरूप न्याय मिले, मोदी सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है. श्री शाह अखिल भारतीय फोरेंसिक विज्ञान शिखर सम्मेलन 2025 में बोल रहे थे.
अमित शाह ने कहा, मोदी सरकार ने फोरेंसिक विज्ञान को आपराधिक न्याय प्रणाली का हिस्सा बना दिया है. कहा कि अपराधों को अंजाम देने क बाद क्रिमिनल अक्सर राज्य और देशों की सीमा के पार चले जाते हैं.
ऐसे में फोरेंसिक विज्ञान का महत्व कई गुना बढ़ गया है. मोदी के नेतृत्व में सरकार आपराधिक न्याय प्रणाली को जन-केंद्रित और वैज्ञानिक बनाने का प्रयास कर रही है. गृहमंत्री शाह ने कहा कि देश की आपराधिक न्याय प्रणाली को मजबूत करने के लिए फोरेंसिक विज्ञान बहुत उपयोगी है.
हमने फोरेंसिक विज्ञान को आपराधिक न्याय प्रणाली का हिस्सा बनाया है ताकि न्याय मिले और दोषियों को सजा मिले, साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी निर्दोष को भुगतना न प़ड़े
आज के समय में अगर हमें समय पर न्याय प्रदान करना है, दोषसिद्धि की दर बढ़ानी है, तो यह फोरेंसिक विज्ञान के बिना संभव नहीं है. शाह ने कहा कि एक समय था जब अपराध जिलों, राज्यों और देशों की सीमाओं तक सीमित हुआ करते था, लेकिन अब ऐसा नहीं है.
शाह ने कहा, नये आपराधिक कानूनों के अनुसार, सात साल तक की सजा वाले मामलों में फोरेंसिक टीम का महत्व है. नये आपराधिक कानून 2024 में लागू हुए. लेकिन इससे पहले राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना 2020 में ही कर दी गयी था.
बाबासाहेब भीम राव आंबेडकर को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि देते हुए शाह ने कहा कि बाबासाहेब ने देश की परंपराओं और जरूरतों को ध्यान में रखते हुए संविधान लिखा था ताकि संविधान की प्रासंगिकता अगले 1000 वर्षों तक बनी रहे
इसे भी पढ़ें : आरबीआई वित्त वर्ष 2025 में केंद्र सरकार को सरप्लकस अमाउंट 2.5 लाख करोड़ ट्रांसफर करेगा…