बढ़त पर खुला शेयर बाजार, सेंसेक्स 40 अंक मजबूत, निफ्टी 15 हजार के नीचे
78 प्रतिशत सदानों को दोयम दर्जे की नागरिकता भी प्राप्त नहीं
कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए पांडेय हिमांशु नाथ राय ने कहा कि राज्य में 78 सदान (गैरजनजाति) निवास करते हैं. इसके बावजूद ये दोयम दर्जे के नागरिक बन कर रह गये हैं. राज्य में अनुसूचित क्षेत्र रांची, गुमला, लोहरदगा, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिम सिंहभूम, लातेहार गढ़वा सहित कई क्षेत्रों में निवास करने वाले 78 प्रतिशत सदानों को दोयम दर्जे की भी नागरिकता प्राप्त नहीं है. इस क्षेत्र के प्रधान ग्राम पंचायत के सरपंच, मुखिया या प्रमुख नहीं बन सकते. साथ ही सांसद या विधायक नहीं चुने जा सकते. जिला परिषद में सदान अध्यक्ष नहीं बन सकते, नगर निगम साथ ही वे नगर पालिका में अध्यक्ष या मेयर भी नहीं बन सकते हैं. झारखंड भारत का पहला राज्य है जहां रोस्टर आरक्षण लागू कर, शिड्यूल जिले में सदान के छात्र-छात्राओं को जिला वार नियुक्ति के अधिकार से वंचित कर दिया गया है. इसे भी पढ़ें: हिमाचल">https://lagatar.in/bjp-mp-from-himachal-pradesh-found-dead-body-hanging-bjp-parliamentary-party-meeting-canceled/38492/">हिमाचलप्रदेश के भाजपा सांसद का शव फंदे से झूलता मिला,भाजपा संसदीय दल की बैठक रद्द
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