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सीडब्ल्यूसी की पूर्व चेयरमैन शुक्रवार को 113 दिन बाद आएंगी जेल से बाहर

Jamshedpur : टेल्को खड़ंगाझार स्थित शमशेर टावर में संचालित मदर टेरेसा वेलफेयर ट्रस्ट की संचालिका सह सीडब्ल्यूसी की पूर्व चेयरमैन पुष्पा रानी तिर्की के बाद बुधवार को हाईकोर्ट ने वार्डेन गीता देवी व उसके बेटे आदित्य सिंह की भी जमानत मंजूर कर ली. अब संभवतः पुष्पा रानी तिर्की व अन्य दोनों शुक्रवार को जेल से बाहर आएंगे. वैसे पुष्पा रानी का बेल बांड ऑनलाइन जमशेदपुर पहुंच चुका है. अगर रजिस्ट्रार की प्रक्रिया गुरुवार को पूरी हो जाती है तो पुष्पा रानी कल भी बाहर आ सकती हैं. हाईकोर्ट के जस्टिस रंगोन मुखोपाध्याय ने उनकी जमानत याचिका पर फैसला सुनाते हुए 10-10 हजार का बेल बांड जमा करने व बिना अनुमति भारत से बाहर जाने पर रोक लगा दी है. शुक्रवार को यदि सभी बाहर आते हैं तो 113 दिन बाद वे जेल से बाहर आएंगे. हाईकोर्ट में इनकी ओर से अधिवक्ता जितेंद्र नाथ उपाध्याय और जमशेदपुर के अधिवक्ता विमल पांडे ने पैरवी की.

ट्रस्ट की युवतियों ने लगाया था यौन शोषण का आरोप

मदर टेरेसा ट्रस्ट की दो युवतियों ने संचालक हरपाल सिंह थापर, उनकी पत्नी पुष्पा रानी तिर्की, वार्डेन गीता देवी, वार्डेन का बेटा आदित्य सिंह व अन्य पर पोस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया था. छह मई को टेल्को थाना में मामला दर्ज होने के बाद सभी अभियुक्त शहर से फरार हो चुके थे. इस बीच जिला प्रशासन की सख्ती पर पुलिस ने ट्रस्ट के बच्चों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया था. ट्रस्ट परिसर को सील कर दिया गया था. 13 जून को सभी आरोपियों की गिरफ्तारी सिंगरौली शहर से हुई थी. शहर लाने के बाद 16 जून को सभी को घाघीडीह जेल भेजा गया था.

हरपाल थापर की जेल में हुई थी संदिग्ध मौत, न्यायिक जांच का परिजनों को इंतजार

[caption id="attachment_166935" align="aligncenter" width="300"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2021/10/HARPAL-SINGH1-300x244.jpg"

alt="" width="300" height="244" /> हरपाल सिंह अपनी पत्नी और बेटी के साथ. फाइल फोटो.[/caption] इधर, जेल में रहने के दौरान 16 जुलाई को हरपाल सिंह थापर की घाघीडीह जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. उनका शरीर नीला पड़ गया था. गहरे चोट के निशान भी थे, जिसके बाद परिजनों ने सीबीआई जांच की मांग की थी. हालांकि इसकी न्यायिक जांच कराई गई थी. दो माह बीतने के बाद भी जांच रिपोर्ट ठंडे बस्ते में है. यह मामला दिल्ली मानवाधिकार तक पुष्पा रानी के पिता ने पहुंचाया है. पुष्पा रानी के जेल से बाहर आने का परिजन इंतजार कर रहे थे. वैसे सिख समाज ने भी शुरू में मामले में रूचि दिखाई, लेकिन बाद में सभी पीछे हो गए. भाई सतिंदर सिंह ने कहा कि उनके भाई की मौत का खुलासा शीघ्र होना चाहिए. [wpse_comments_template]

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