LagatarDesk : वित्त वर्ष 2020-21 बस अब खत्म होने ही वाला है. नये वित्तीय वर्ष की शुरुआत 1 अप्रैल से होगी. 1 अप्रैल से कई नियमों में बदलाव होने वाला है. इन नियमों के बदलने से आपकी जिंदगी पर इसका सीधा असर पड़ेगा. 1 अप्रैल से न्यू वेजेज कोड लागू होगा. इस नियम के लागू होने से आप अपने टैक्स का बोझ घटाकर अपनी टेक होम सैलरी बढ़ा सकते हैं.
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75 से ऊपर के पेंशन भोगियों को रिटर्न फाइलिंग से छूट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2021-22 में 75 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों को राहत दी है. अब 75 साल से अधिक उम्र के लोगों को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की जरूरत नहीं होगी. ये सुविधा उन सिटिजन के लिए है, जो केवल पेंशन और बचत से मिलनेवाले ब्याज पर निर्भर हैं. पेंशन और ब्याज का एक ही बैंक में आना जरूरी है. बैंक जमा और पेंशन अलग-अलग बैंक में रहने से भुगतानकर्ता बैंक उनकी कर योग्य आय पर टैक्स की कटौती कर लेगा.
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PF में टैक्स फ्री लिमिट 50 लाख तक
सरकार ने प्रोविडेंट फंड में निवेश करने वालों को बजट 2021 में बड़ा झटका दिया था. सदन में फाइनेंस बिल पेश करते वक्त टैक्स फ्री लिमिट 5 लाख तक कर दी गयी थी. लेकिन 5 लाख तक की छूट केवल उनको मिलेगी, जिनके पीएफ में एंप्लॉयर का कोई योगदान नहीं होगा. वित्त मंत्री के एलान के अनुसार, एक वित्त वर्ष में अब 5 लाख रुपये तक निवेश करने पर उससे मिलनेवाले इंटरेस्ट पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. प्रोविडेंट फंड में 5 लाख से अधिक निवेश करने पर आपको एडिशनल अमाउंट से मिला ब्याज टैक्स के दायरे में आयेगा. वर्तमान में पीएफ पर इंटरेस्ट रेट 8 फीसदी है.
50 करोड़ वाली कंपनियों को B2B बिजनेस के लिए E-invoice अनिवार्य
सरकार ने 1 अप्रैल से 50 करोड़ से अधिक के कारोबार वाली B2B बिजनेस कंपनियों को E-invoice निकालना अनिवार्य कर दिया है. इसकी जानकारी केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने अधिसूचना जारी करके कहा. GST एक्ट के अंतर्गत 500 करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार वाली कंपनियों के लिए B2B लेनदेन के लिए E-invoice एक अक्टूबर 2020 से ही अनिवार्य किया गया था. वहीं 100 करोड़ रुपये से अधिक कारोबार वाली कंपनियों के लिए E-invoice को एक जनवरी 2021 से लागू किया गया है.
1 अप्रैल से कुछ बैकों की चेकबुक नहीं करेंगी काम
1 अप्रैल 2021, यानी नये फाइनेंशियल ईयर से कुछ बैंकों की चेकबुक काम नहीं करेंगी. पिछले साल कुछ बैंकों का दूसरे बड़े बैंकों में विलय हुआ था. जिन बैंकों का विलय हुआ है उन बैंकों की चेकबुक काम नहीं करेगी. उन बैंकों के ग्राहकों को अब नयी चेकबुक लेनी होगी. यह काम आपको 31 मार्च 2021 से पहले कर लेना होगा. पंजाब नेशनल बैंक में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का विलय हुआ है. वहीं यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक का विलय हुआ.
टैक्स रिटर्न नहीं भरा, तो लगेगा ज्यादा TDS और TCS
टैक्सपेयर्स को टैक्स भरने के लिए प्रेरित करने के लिए इनकम टैक्स एक्ट 1961 में सेक्शन 206AB जोड़ने का एलान किया गया है. सरकार ने उन लोगों पर नकेल कसने की तैयारी कर ली है, जो TDS बचाने के लिए आईटीआर फाइल नहीं करते हैं. नये नियमों के अनुसार जिन लोगों ने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किया है, उन पर टैक्स कलेक्शन एट सोर्स यानी TCS भी ज्यादा लगेगा. ये दरें 10-20 फीसदी होंगी जो कि आमतौर पर 5-10 फीसदी होती थीं. TDS और TCS के दायरे को बढ़ाने के लिए इनकम टैक्स एक्ट में सेक्शन 206CCA जोड़ा गया है.