Hazaribagh (Barkagaon): कोयलंग गांव की सुमन देवी ने अपने साहस, दृढ़ संकल्प और मेहनत के बल पर वह मुकाम हासिल किया है, जो आज हजारों महिलाओं के लिए प्रेरणा बन चुका है. कभी दो वक्त की रोटी के लिए मजदूरी करने वाली सुमन आज आत्मनिर्भरता की जीती-जागती मिसाल हैं.
साल 2018 में ‘परी आजीविका सखी मंडल’ से जुड़ने के बाद सुमन के जीवन की दिशा बदलने लगी.पहले जहां उन्हें परिवार का पालन-पोषण दूसरों पर निर्भर रहकर करना पड़ता था, वहीं अब वे खुद अपने सपनों को साकार कर रही हैं. समूह से 50,000 रुपये का ऋण लेकर उन्होंने एक छोटी सी राशन दुकान की शुरुआत की, जो उनके जीवन में आशा की नई किरण बन गई.
राशन दुकान की सफलता से प्रेरित होकर सुमन ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत एक लाख रुपये का ऋण प्राप्त किया और अपनी दुकान में श्रृंगार सामग्री भी जोड़ दी. अब उनकी मासिक आमदनी 8,000 से 10,000 रुपये तक पहुंच चुकी है.
सुमन यहीं नहीं रुकीं. उन्होंने मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण भी लिया है और इसे अतिरिक्त आय के एक नए स्रोत के रूप में विकसित कर रही हैं.कभी जो सपने सुमन को दूर लगते थे, आज वे उनकी मेहनत और आत्मविश्वास से साकार हो चुके हैं. अब वे न केवल अपने परिवार को सम्मानपूर्वक जीवन दे रही हैं, बल्कि गांव की अन्य महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दे रही हैं.