New Delhi: कोरोना के संक्रमण के बीच पूरा देश वैक्सीन का एक लंबे समय से इंतजार कर रहा है. लेकिन स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के दिये गये बयानों को सुनकर लगता है कि अब जल्द ही ये इंतजार खत्म होने वाला है. देश के स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा है कि नये साल में जनवरी से लोगों को कोविड-19 की वैक्सीन देने का काम शुरू किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता वैक्सीन की सुरक्षा और असर है. वहीं स्वास्थ्य मंत्री ने भारत नें दवाइयां तैयार करने वाली कंपनियों का हौसला बढ़ाते हुए कहा है कि वैक्सीन के विकास में भारत किसी से कम नहीं रहा है.
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6-7 महीने में 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि तैयारियों को देखकर मुझे निजी तौर पर लगता है कि जनवरी से हम भारत में लोगों को पहली कोविड-19 वैक्सीन देने के लिए तैयार हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि भारत सरकार पारी तरह से संतुष्ट होने बाद ही हम देश में कोरोना वैक्सीन लगाने काम शुरु करेंगे. इससे पहले उन्होंने कहा था कि वैज्ञानिक और एक्सपर्ट्स स्वदेशी वैक्सीन पर काम कर रहे हैं और 6-7 महीने में 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन देनी की क्षमता हासिल कर ली जाएगी.
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वैक्सीन के बाद भी बरतना होगा एहतियात
देश में 6 वैक्सीन ट्रायल के अलग-अलग चरणों पर हैं जिनमें Sputnik V, NVX-CoV2373 Covishield, Covaxin, ZyCoV-D, और रीकॉम्बिनेंट प्रोटीन ऐंटीजन पर आधारित वैक्सीन शामिल हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया था कि सभी वैक्सीनों की दो से तीन खुराकें दी जाएंगी. हालाकि उन्होंने साफ किया था कि वैक्सीन देने के बाद भी कोविड-19 से सुरक्षा के लिए लोगों को एहतियात बरतने होंगे.
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