बीबीएमकेयू में बिनोद बिहारी महतो की प्रतिमा का राज्यपाल व सीएम ने किया अनावरण Dhanbad : झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि वह राज्य की उच्च शिक्षा व्यवस्था से पूर्णतः संतुष्ट नहीं हैं, लेकिन इसके सुधार के लिए वे पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं. विश्वविद्यालयों में कुलपति के पदों पर नियुक्तियां समयबद्ध रूप से की जा रही हैं. वे मंगलवार को धनबाद के बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय में स्वर्गीय बिनोद बिहारी महतो के प्रतिमा अनावरण समारोह में बोल रहे थे. इससे पूर्व राज्यपाल व सीएम हेमंत सोरेन ने संयुक्त रूप बिनोद बाबू की प्रतिमा का अनावरण किया. राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों को शैक्षणिक कैलेंडर का सख्ती से पालन करना चाहिए. ताकि विद्यार्थियों को यह विश्वास हो सके कि संस्थान उनके भविष्य को लेकर संवेदनशील है. छात्रों की समस्याओं के समाधान के लिए सरल, पारदर्शी और समयबद्ध प्रणाली लागू की जानी चाहिए. मुख्यमंत्री से की पहल की अपील राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि राज्य की उच्च शिक्षा प्रणाली को और सुदृढ़ करने के लिए सरकार सार्थक पहल करे. उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालयों में नियुक्ति प्रक्रियाओं में तेजी लाने के लिए झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) को आवश्यक निर्देश दिए जाने चाहिए. राज्यपाल ने कहा कि बहुत से लोग समस्याएं लेकर मेरे पास आते हैं, लेकिन समाधान की दिशा में समन्वित प्रयास बहुत कम दिखते हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि विद्यार्थी का कार्य है पढ़ना, शिक्षक का कार्य है पढ़ाना और विश्वविद्यालय प्रशासन का दायित्व है कि वह इन दोनों के बीच सेतु का कार्य करते हुए सभी के लिए उत्कृष्ट शैक्षणिक वातावरण तैयार करे. युवा शक्ति राज्य की सबसे बड़ी ताकत राज्यपाल ने झारखंड की युवा शक्ति को आत्मनिर्भर, दक्ष और नवोन्मेषी बनाने की आवश्यकता पर बल दिया. कहा कि यदि हम अपनी युवा पीढ़ी को सही दिशा, कौशल और प्रेरणा दे सकें, तो झारखंड ज्ञान और नवाचार का गढ़ बनकर उभरेगा और राष्ट्रीय स्तर पर नई ऊंचाइयों को छुएगा. किसी भी विश्वविद्यालय की असली पहचान उसकी शोध गुणवत्ता, नवाचार और विद्यार्थियों की उपलब्धियों से होती है. उन्होंने सुझाव दिया कि ऐसी शोध को बढ़ावा दिया जाए जो मौलिक हो, सामाजिक सरोकारों से जुड़ी हो और देश की प्रगति में सहायक बने. विकसित भारत @2047 की दिशा में शिक्षा का योगदान राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना "विकसित भारत @2047" को मार्गदर्शक दृष्टिकोण बताया. उन्होंने कहा कि इस मिशन के केंद्र में शिक्षा, नवाचार, आत्मनिर्भरता और युवा शक्ति है. राज्यपाल ने विश्वास व्यक्त किया कि झारखंड के विश्वविद्यालय इस मिशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. यह भी पढ़ें : शराब">https://lagatar.in/liquor-scam-fir-interrogation-and-arrest-in-same-day/">शराब
घोटालाः एक ही दिन प्राथमिकी, पूछताछ और गिरफ्तारी

उच्च शिक्षा में सुधार के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध : राज्यपाल
