Hazaribagh : हजारीबाग जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारागार में जेल के अंदर उगाई जानेवाली सब्जियों को ही बंदियों के भोजन में खपाया जाता है. उसके बाद भी खरीदारी दिखाई जाती है. यह बताया जाता है कि जेल के अंदर उतनी सब्जियों की उपज नहीं होती है कि डेढ़ हजार से अधिक बंदियों के लिए पर्याप्त हो सके. यह कहकर बाहर से सब्जियों की खरीदारी दिखाकर बिल पास कराया जाता है. जेल से छूटे कई बंदियों ने बताया कि जेल के अंदर मौसमी सब्जियों की खेती खुद बंदियों से कराई जाती है. जेल के अंदर कटहल और आम के कई पेड़ हैं. कटहल के मौसम में उसमें आलू मिलाकर सब्जियां बना बंदियों को भोजन में दिया जाता है. इसके अलावा भी कई सब्जियों की उपज होती है. लेकिन उसका कोई हिसाब-किताब नहीं दिया जाता है. बंदियों के लिए बाहर से सब्जियों की खरीदारी दिखाई जाती है. आम और कटहल अपने चहेतों को खुश रखने के लिए उन्हें भी पहुंचाए जाते हैं. इतना ही नहीं कई सूखे पेड़ों से तैयार फर्नीचर का भी खेल जेल के अंदर खूब चलता है. उसे भी देकर ऊपर के अधिकारियों को जेल प्रशासन खुश करने का प्रयास करता है. यह भी बताया जाता है कि सोर्स ऑफ इनकम जैसे मलाईदार जगहों पर अपने चहेते जमादारों को ड्यूटी दी जाती है और होमगार्डों को जहां-तहां तैनात कर दिया जाता है. इस संबंध में जब जेल अधीक्षक कुमार चंद्रशेखर से बात करने का प्रयास किया गया, तो उन्होंने कहा कि बाद में बात करेंगे. लेकिन काफी इंतजार के बाद भी उनका फोन नहीं आया.
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