क्या कहा ग्रामीणों ने
बैठक के दौरान ग्रामीण रूकमांगद पाठक, संजय पाठक, फुलेश्वर चौधरी, नागेश्वर चौधरी, चित्रांगद पाठक, रमेश चौधरी एवं इंकलेश चौधरी सहित तमाम मतदाताओं ने कहा कि बीरबंधा गांव बिल्कुल ग्रामीण क्षेत्र है, जहां पर सिर्फ किसानों का बसेरा है. यहां के लोगों का मुख्य पेशा खेती है. कहा कि नगर पंचायत बनने से पूर्व इस गांव का निरीक्षण नहीं किया गया और नगर पंचायत के कोरम को पूरा करने के लिए इस गांव को शामिल कर लिया गया है. शहरी क्षेत्र होने के कारण यहां फसल बीमा नहीं किया जाता. फसल सुखाड़ राहत नहीं दिया जाता. पीएम किसान योजना लागू नहीं हो सकता. वन जीव द्वारा फसल नष्ट करने की शिकायत करने के बाद वन विभाग के पदाधिकारी के द्वारा बोला जाता है कि आप लोग शहरी क्षेत्र में हैं. कृषि संबंधी कोई भी सुविधा नहीं मिलती है. यहां तक की सरकार को धान तक नहीं बेच सकते. सिंचाई संबंधी कुआं, ट्यूबवेल, चापानल, बोदर, आहार एवं पोखर ये सभी योजनाएं यहां लागू नहीं होती. जबकि यह गांव कृषि प्रधान है.कहा कि इस संबंध में पूर्व में हम सभी ग्रामीण जिला प्रशासन एवं हर स्तर से जनप्रतिनिधियों से प्रार्थना कर थक चुके हैं. लेकिन आज तक कोई नहीं सुना. जिसके कारण बाध्य होकर हम सभी ग्रामीणों ने सार्वजनिक रूप से चुनाव में वोट नहीं करने का निर्णय लिया है.आश्वासन के बाद माने ग्रामीण
ग्रामीणों की समस्या सुनने के बाद सहायक निर्वाची निबंधन पदाधिकारी सह अंचल अधिकारी शंभू राम ने ग्रामीणों से आग्रह करते हुए कहा कि आप सभी अपने मतदान का प्रयोग करें. मैं आप सबों की समस्या को जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त के पास भेज कर समस्या का समाधान का प्रयास करूंगा. इसके बाद ग्रामीणों ने डीसी के नाम सहायक निर्वाचन निबंधन पदाधिकारी सह सीओ को एक लिखित आवेदन दिया. इसके बाद करीब दो घंटा देर 9:00 बजे से ग्रामीणों ने वोट देना शुरू किया. वहीं दिन के 3 बजे तक करीब 50% मतदान हो चुका था. इसे भी पढ़ें : पलामू">https://lagatar.in/palamu-many-dignitaries-including-dc-voted-first-time-voters-showed-enthusiasm/">पलामू: डीसी समेत कई गणमान्य ने किया मतदान, फर्स्ट टाइम वोटर्स में उत्साह, देखें तस्वीरें… [wpse_comments_template]