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घाटकुरी माइंस केस: ED की बड़ी कार्रवाई, Usha Martin ग्रुप के MD सहित 6 पर मामला दर्ज

Ranchi : घाटकुरी लौह-अयस्क खदान में अवैध उत्खनन को लेकर दर्ज केस मैनेज करने और सीबीआइ अफसर को घूस देने के मामले में सीबीआइ के बाद ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बीते 2 अक्टूबर को सीबीआइ में दर्ज मामले को टेकओवर करते हुए ईडी ने अब मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है. ईडी ने जिन लोगों पर मामला दर्ज किया है, उसमें सीबीआइ के पूर्व एसपी एनएमपी सिन्हा, ऊषा मार्टिन ग्रुप के एमडी राजीव झावर, चार्टर्ड एकाउंटेंट विनय जालान, विनय जालान के बेटे पार्थ जालान और राज कुमार कपूर शामिल हैं.

20 सितंबर 2016 को ऊषा मार्टिन के विरुद्ध दर्ज हुआ था मामला

जानकारी के अनुसार, सीबीआइ की नई दिल्ली स्थित आर्थिक अपराध शाखा में बीते 20 सितंबर 2016 को ऊषा मार्टिन के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया था. दर्ज हुए मामला के अनुसार, ऊषा मार्टिन कंपनी को पश्चिम सिंहभूम की घाटकुरी खदान से लौह अयस्क खनन का पट्टा मिला हुआ था. वहां निर्धारित मात्रा से अधिक खनन में सहयोग करने के आरोप में राज्य के तत्कालीन खान निदेशक आइडी पासवान और अन्य को भी प्राथमिकी अभियुक्त बनाया गया था. इन लोगों पर धोखाधड़ी, साक्ष्य छिपाने के अलावा अन्य धाराओं में मामला दर्ज की गयी थी.पासवान अपना कैडर परिवर्तित कराकर बिहार चले गये थे. जिसके बाद वे रिटायर हो गये. पासवान समेत अन्य लोगों पर पद का दुरुपयोग करने, धोखाधड़ी और अनुचित लाभ उठाने का आरोप है. लौह अयस्क के अवैध खनन और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के मामले में तत्कालीन केंद्र सरकार ने शाह आयोग का गठन किया था. उसकी रिपोर्ट के आधार पर सीबीआइ ने राज्य सरकार से इन लोगों पर प्राथमिकी दर्ज करने की स्वीकृति मांगी थी.

25 लाख घूस लेते CBI के पूर्व SP की हुई थी गिरफ्तारी

जानकारी के अनुसार, पूर्व एसपी एनएमपी सिन्हा, इस केस के जांच पदाधिकारी थे. बीते 23 सितंबर को नयी दिल्ली के आइटीसी मौर्या होटल में विनय जालान से करीब तीन-चार घंटे तक मुलाकात भी की. इसमें विनय जालान के साथ उनके बेटे पार्थ जालान भी थे. तय कार्यक्रम के अनुसार, केस को मैनेज करने के नाम पर विनय जालान के माध्यम से इसी महीने बीते दो अक्टूबर को 25 लाख रिश्वत लेते पूर्व एसपी एनएमपी सिन्हा को सीबीआइ ने गिरफ्तार कर लिया था.

पहले से दर्ज है अवैध उत्खनन का मामला

जानकारी के अनुसार, अवैध खनन मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर वर्ष 2011 में जस्टिस एमबी शाह की अध्यक्षता में आयोग का गठन किया गया था. शाह आयोग ने जांच के दौरान पाया था कि झारखंड में खनन कर रही सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों ने 22,000 करोड़ रुपये के लौह अयस्क का खनन बगैर वैधानिक अधिकार के किया गया है. झारखंड में 18 कंपनियां बगैर पर्यावरण स्वीकृति के डीम्ड विस्तार के तहत लौह अयस्क का खनन कर रही थीं. वहीं 22 खदानों में नियमों का उल्लंघन कर खनन किया जा रहा था. इसमें उषा मार्टिन की घाटकुरी माइंस का भी नाम शामिल था. इसमें लौह अयस्क पट्टाधारियों पर लीज की शर्तों का उल्लंघन कर खनन करने का आरोप है.

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