Giridih : राज्य सरकार के नए फरमान के बाद अब एएनएम और जीएनएम को सरकारी संस्थानों से प्रशिक्षण के बाद 1 साल की सरकारी अस्पतालों में सेवा देनी होगी. जानकारी के अनुसार नामांकन के वक्त ही प्रशिक्षणार्थियों से बॉन्ड भराया जाएगा. बॉन्ड में शपथ दिलाई जाएगी कि प्रशिक्षण के बाद सरकारी अस्पतालों में सेवा नहीं दी गई तो बदले में एक लाख रूपये का जुर्माना देना होगा. सरकारी अस्पतालों में सेवा के बदले उन्हें मानदेय भी दिया जाएगा. एएनएम को 10 हज़ार रूपये और जीएनएम को 12 हज़ार रूपये का मानदेय हर माह दिया जाएगा. राज्य के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह के हस्ताक्षर से 1 मार्च को पत्र जारी किया गया है. राज्य के सभी उपायुक्त व सिविल सर्जन को ज्ञापन 48(10) के माध्यम से पत्र भेजा जा चुका है.
गौरतलब है कि एएनएम प्रशिक्षणार्थियों पर राज्य सरकार बड़ी रकम खर्च करती है और प्रशिक्षण के बाद एएनएम और जीएनएम मोटी रकम की लालच में प्राइवेट संस्थानों की ओर भागतीं हैं. इतना ही नहीं प्रशिक्षण के बाद कई एएनएम और जीएनएम आउटसोर्सिंग कंपनियों को ज्वाइन कर लेती हैं, पर उन्हें शर्तों के अनुसार मानदेय नहीं दिया जाता. सरकार के निर्णय के बाद नर्सों को शोषण से भी मुक्ति मिलेगी.
कोविड काल में खली थी कमी
कोविड काल में चिकित्सक सहित एएनएम व जीएनएम की कमी खली थी. इलाज में बड़ी रकम की खर्च के कारण आम लोगों में सरकारी संस्थाओं की ओर रुझान बड़ी थी. पर मानव संसाधनों की कमी के कारण विभाग को बड़ी आफत झेलनी पड़ी थी.
2023 -24 सत्र के नामांकन से होगी शुरुआत
राज्य के 10 सदर अस्पताल में एएनएम ट्रेनिंग स्कूल व मेडिकल कॉलेज़ में जीएनएम प्रशिक्षण स्कूल संचालित किया जा रहा है. हर साल ऐसे संस्थानों से 300 एएनएम और 120 जीएनएम प्रशिक्षण प्राप्त करती हैं. जानकारी के अनुसार 2023 -24 सत्र के नामांकन में इसकी शुरुआत की जाएगी.
सरकार का मिला है आदेश – सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ.एसपी मिश्रा ने कहा कि सरकार का आदेश मिला है. सदर अस्पताल की इकाई चैताडीह मातृत्व एवं शिशु कल्याण केंद्र में एएनएम स्कूल संचालित किया जा रहा है. यहां एक सत्र में 30 छात्राओं का नामांकन किया जाता है, नए सत्र के साथ ही शपथ लिखाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
यह भी पढ़ें : गावां : नकाबपोश बदमाशों ने पिस्टल दिखा कर छीनी बाइक
Leave a Reply