- उड़ान योजना के तहत देवघर-दुमका के बाद तीसरा एयरपोर्ट
- उड़ान शुरू होने के बाद रनवे विस्तार की भी है योजना
Ranchi : देवघर एयरपोर्ट के साथ-साथ अब बोकारो एयरपोर्ट के लिए भी लाइसेंस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. स्थानीय एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ( एएआई ) ने इससे संबंधित जरूरी दस्तावेज मुख्यालय को भेज दिए हैं. मुख्यालय के अधिकारी इसके निरीक्षण और जांच के बाद इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे. देवघर-दुमका के बाद बोकारो तीसरा एयरपोर्ट हैं जहां उड़ान योजना की तैयारी की जा रही है. इससे बोकारो से आसपास के बड़े शहरों के साथ अन्य छोटे शहरों के नागरिकों को एयर कनेक्टिविटी उपलब्ध होगी.
इसे भी पढ़ें – तबादला होने के बाद भी आखिर कैसे संयुक्त सचिव अभिषेक श्रीवास्तव भू-राजस्व विभाग में ही हैं जमे
एयरपोर्ट का काम करीब-करीब पूरा हो चुका है
इस एयरपोर्ट का काम करीब-करीब पूरा हो चुका है. इसके एटीसी, फायर स्टेशन और चहारदीवारी का काम चल रहा है. सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से चहारदीवारी के बाहर से लगी झुग्गी-झोपड़ियों के अतिक्रमण हटाने का कार्य भी किया जाएगा. टर्मिनल भवन की क्षमता तीन सौ यात्रियों की होगी. कॉमर्शियल सेवा शुरू होने के बाद इसे और बढ़ाया जाएगा. टर्मिनल में एयर टर्मिनल मैनेजर, इंट्री टिकट काउंटर के साथ डिपार्चर और एराइवल, सिक्युरिटी होल्ड एरिया, विजिटर्स एरिया बन कर तैयार है. टर्मिनल में विविध स्टॉल भी खोले जाएंगे.
गत अप्रैल महीने में इसके कार्य को पूरा किया जाना था. लेकिन कोविड-19 की दूसरी लहर आ जाने से इसके कार्य में बाधा आयी. एएआई के सीनियर अधिकारी विनोद शर्मा ने बताया कि बोकारो एयरपोर्ट का 85 फीसदी से अधिक कार्य हो चुका है. एटीसी, फायर स्टेशन और कुछ अन्य कार्य शेष हैं. इसके कॉमर्शियल उड़ान के लिए लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
इसे भी पढ़ें – गुमला: पांच पुलिसकर्मियों के हत्या में शामिल एक लाख का इनामी नक्सली गिरफ्तार
रनवे की लंबाई 5 हजार तीन सौ फीट है, जिसको बड़ा करने की भी योजना है
बोकारो एयरपोर्ट झारखंड का छोटा एयरपोर्ट, लेकिन दुमका एयरपोर्ट से कुछ बड़ा है. इसके रनवे की लंबाई 5 हजार तीन सौ फीट है. करीब एक मील लंबे इसके रनवे से एटीआर-72 श्रेणी के विमान आसानी से उड़ान भर सकते हैं. लेकिन एयरबस-ए 319 श्रेणी से बड़े विमानों के परिचालन में परेशानी हो सकती है. इसलिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इसके रनवे की लंबाई बढ़ाने की योजना बनायी है. इसे सात सौ फीट बढ़ाकर 6 हजार फीट करने की योजना है. इससे बड़े विमानों के यहां लैंडिंग और टेक ऑफ में आसानी होगी.