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सरकारी स्कूल के शिक्षकों को मिला टास्क, 20 मार्च तक कक्षा तीन के सभी बच्चे सीखें पढ़ना-लिखना

Ranchi: साल 2023 का आगाज हो गया है. नए साल में स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग सरकारी स्कूलों, शिक्षकों और बच्चों को टारगेट कर कई काम करेगा. इसे लेकर शिक्षा सचिव के.रवि कुमार ने शिक्षकों के बीच मार्च 2023 तक के लिए कई टास्क दिए हैं. इसमें सबसे प्रमुख यह है कि कक्षा तीन के बच्चे आगामी 20 मार्च तक पढ़ना-लिखना सीख लें. शिक्षा सचिव ने जो टास्क दिए हैं, उसे पूरा करने की जिम्मेवारी जिला शिक्षा पदाधिकारियों की है. शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए सचिव ने एक निर्देश जारी किया है. जारी निर्देश में कहा गया है कि अब क्लास में स्कूली बच्चे मोबाइल नहीं ले जा पाएंगे. वहीं बिना बायोमिट्रिक के शिक्षकों को वेतन भुगतान नहीं हो पाएगा. इसे भी पढ़ें - पंकज">https://lagatar.in/pankaj-mishras-ultrasound-done-ed-is-keeping-an-eye-on-the-activities/">पंकज

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जानें शिक्षा सचिव ने क्या-क्या दिए हैं निर्देश

• 20 मार्च तक वर्ग 3 के सभी बच्चे पढ़ना सीख जाएं. • सभी बच्चों की शैक्षणिक बुनियाद को मजबूत करना है. • स्कूलों में समुदाय की सहभागिता हो. • बच्चों को एफएलएन (फाउंडेशन लिटरेसी एंड चार्ट पेपर) मैटेरियल के तहत स्कूल किट उपलब्ध कराया जाए. • अधिकारियों द्वारा स्कूलों का निरंतर जांच किया जाए. • सरकारी स्कूल के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाने के लिए ज्ञानसेतु योजना की पहल हो. बता दें कि योजना के तहत बच्चों के लर्निंग लेवल का शिक्षकों द्वारा आंकलन करने के बाद, उनके स्तर के आधार पर ग्रुप बनाकर शिक्षा दी जायेगी. • स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिती नियमित तौर पर रहे. शिक्षक अपना अधिकांश समय पठन-पाठन में लगाएं. • बच्चे कक्षा के अंदर मोबाइल लेकर नहीं जाएंगे. मोबाइल स्कूल लाने पर उसे प्रधानाध्यापक के ऑफिस में जमा कराएंगे. • रिटायर होने वाले शिक्षक 6 माह पूर्व ही पेंशन पेपर भरें, ताकि रिटायरमेंट के दिन ही सारे दावे का निपटारा किया जा सके. • शिक्षक हर दिन बायोमिट्रिक से अपना अडेंटेस बनाएंगे. जनवरी, 2023 से बायोमिट्रिक उपस्थिति के आधार पर वेतन या मानदेय का भुगतान होगा. • स्टूडेंट डाटाबेस मैनेजमेंट इंर्फोमेशन सिस्टम में सभी बच्चों की एंट्री की जाए. • ई-विद्धावाहिनी में जनवरी, 2023 से मिड-डे-मील की रिपोर्ट चढ़ाई जाए. • अब तक केवल 82 प्रतिशत शिक्षकों ने ई-विद्यावाहिनी में शिक्षक उपस्थिति दर्ज करायी है. हाजिरी नहीं बनाने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई की जाए. • ई-विद्यावाहिनी पोर्टल से रिटायर-मृत शिक्षकों के नाम हटाया जाएं. • स्मार्ट क्लास में एलसीडी/ टीवी को ब्लैकबोर्ड के ऊपर नहीं लगाया जाए. • शिक्षकों के सभी प्रकार के दावे जैसे – वेतन, पेंशन, अर्जित अवकाश, जीपीएफ, प्रोन्नति आदि समय पर दी जाए. • शिक्षक अपने कर्तव्य के अनुसार ही अच्छे पोशाक में रहें. अपने कर्तव्य एवं जीवन में टाइम मैनेजमेंट करना सीखें. • लाइब्रेरी की किताबों को रस्सी में टांग कर नहीं बल्कि सुव्यवस्थित तरीके से बुक सेफ,टेबल या रेक एक पर रखें. • बच्चों को लाइब्रेरी से किताब इश्यू किए जाएं. विशेषकर शुक्रवार, शनिवार या लंबी छुट्टियों के पहले निश्चित रूप से बच्चों को पुस्तकालय के पुस्तक दिए जाएं. • खेल सामग्री के साथ-साथ बच्चों का ट्रैक सूट और बूट भी खरीदा जाए. • 3 बजे छुट्टी होने के बाद खेल की घंटी लगायी जाए. इसका दायित्व बाल संसद को दिया जाए. • बाल विवाह पर रोक लगायी जाए. बाल विवाह के बारे में बच्चों को जागरूक किया जाए. इसके कानूनी पक्ष की जानकारी, सजा इत्यादि के बारे में भी जागरूक किया जाए. • सिंगल नोडल अकाउंट की ट्रेनिंग सभी शिक्षकों को दी जाए, ताकि वे स्वयं अकाउंट में मेकर के रूप में कार्य कर सकें. • जर्जर भवन को विद्यालय परिसर से हटाने की कार्रवाई की जाए. • आउट ऑफ स्कूल बच्चों की ट्रेनिंग अवश्य दी जाए. • कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में आवश्यक सुधार किया जाए. • सरकारी स्कूल में प्रति बच्चा प्रतिवर्ष 1.58 लाख रुपए खर्च हो रहे हैं, इसलिए इन बच्चों की पढ़ाई पर विशेष ध्यान दिया जाए. • स्कूल अवधि में कोई भी बच्चा स्कूल से बाहर नहीं जाए. • बाल संसद को मजबूत किया जाए. • शिकायत के लिए एक अलग से रजिस्टर रखा जाए. इसे भी पढ़ें - BREAKING">https://lagatar.in/breaking-chanho-co-zafar-hasnat-suspended-action-on-amin-also/">BREAKING

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