- पासवा अध्यक्ष बोले- भीषण गर्मी को देखते हुए स्कूल सुबह 6:30 से 09:30 तक चलाने की अनुमित दे सरकार
- अभी से गर्मी छुट्टी हुई, तो ध्वस्त हो जाएगी बच्चों की पढ़ाई और झारखंड की शिक्षण व्यवस्था
Ranchi : संपूर्ण झारखंड के निजी स्कूलों के संचालकों और प्राचार्यों की महत्वपूर्ण बैठक रविवार को पासवा के हरमू स्थित कार्यालय में हुई. जिसकी अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष आलोक कुमार दुबे ने की. मौके पर निजी विद्यालय संचालकों ने 2019 में पिछली सरकार द्वारा जमीन संबंधी बाध्यता कानून को लेकर मूल आरटीई कानून में किए गए संशोधन को निरस्त करने का आग्रह राज्य सरकार और सभी राजनीतिक दलों से किया. दुबे ने कहा राजनीतिक दलों ने अगर अपने घोषणा पत्र में आरटीई कानून संशोधन निरस्त करने का प्रस्ताव नहीं लाया, तो राज्य के 47 हजार निजी विद्यालयों के प्रिंसिपल, डायरेक्टर वहां काम करने वाले लाखों शिक्षक, कर्मचारी एवं अभिभावक झारखंड के लोकसभा चुनाव में अपनी भूमिका सुनिश्चित करेंगे. बैठक में निजी विद्यालयों के निदेशक अरविंद कुमार, डॉ. सुषमा केरकेट्टा, संजय कुमार, आलोक विपिन टोप्पो, राशिद अंसारी, मनोज कुमार भट्ट, अल्ताफ अंसारी, राष्ट्रपति अवार्डी फलक फातिमा सहित कई अन्य ने अपनी बात रखी. निजी स्कूल संचालकों ने बैठक में राज्य सरकार से आग्रह किया गया है कि भीषण गर्मी को देखते हुए विद्यालय संचालन की अनुमति सुबह 6:30 बजे से 9:30 बजे तक दी जाए. अभी से ही पूरी तरह से स्कूल बंद कर देना कहीं से भी उचित नहीं है. अगर लगातार स्कूल लंबी अवधि तक बंद रह गये, तो लगभग 45 दिनों तक गर्मी छुट्टियां होंगी, जिससे बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह से बाधित होगी. अचानक रात में स्कूल बंद करने का अध्यादेश जारी करने से बच्चों को होमवर्क भी नहीं दिया जा सका, ताकि उनकी पढ़ाई जारी रहती. लेकिन अचानक स्कूल बंद कर दिए गए. अभिभावक परेशान हैं. अभिभावकों का कहना है कि यदि होमवर्क मिला होता, तो बच्चे उसे पूरा करने के बहाने ही पढ़ाई करते. लेकिन ऐसा न हो सका.
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