Ranchi: झारखंड में इन दिनों पेसा कानून आदिवासी समाज को चिंतित कर रहा है. क्योंकि यह आदिवासियों की पारंपरिक व्यवस्था से जुड़ा हुआ एक्ट है. यह लागू होता है तो आदिवासियों की ग्रामसभा पूरी तरह से सश्कत हो जाएगी. आदिवासी समन्वय समिति भारत के तत्वावधान में प्रेस क्लब में मंगलवार को पेसा कानून को लेकर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ. इस मौके संथाल के मांझी परगना, पड़हा राजा, पाहन, कोटवार और पर पईनभोरा शामिल हुए. वक्ताओं ने कहा कि पेसा कानून झारखंड में जल्द लागू करना चाहिए.
कहा कि भारत के आठ राज्य में पेसा कानून लागू है. झारखंड में भी पेसा कानून लागू होना है. इसके लिए हाईकोर्ट ने सरकार को नियमावली बनानेका आदेश दिया है. इसके बाद से आदिवासी समाज में पेसा कानून को लेकर जगह-जगह पर बैठक, सेमिनार, महाबहस व कार्यशाला का आयोजन हो रहा है. लोगों ने कहा कि सरकार पर पेसा कानून बनाने के लिए गांव से लेकर शहर दबाव बनाया जाएगा. विवश करना होगा. तभी राज्य में पेसा कानून लागू हो सकेगा. पेसा कानून को रोकने वाले लोगों को चिन्हित करना होगा. इसके लिए लोगों को एक्टिव करना पड़ेगा.
पांच प्रस्ताव हुए पारित
-जेपीआरए के तहत बने पेसा नियमावली को अविलंब सरकार लागू करें.
-टीएसी का गठन अविलंब किया जाए.
– प्रत्येक ग्रामसभा में प्रस्ताव पारित कर राज्यपाल को ज्ञापन बीडीओ और सीओ के माध्यम से दिया जाए.
-प्रखंड स्तर पर जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया जाए.
-जिला स्तर पर एकक जनसभा कर उपायुक्त के माध्यम से राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सोपा दिया जाए.
ये हुए शामिल
पूर्व मंत्री देव कुमार धान, विजय कुजूर, पंचानंद सोरेन, महादेव मुंडा, फूलचंद तिर्की, बलकू उरांव, कलावती खड़िया, प्रभु दयाल उरांव, महेंद्र उरांव, किस्टो सिंह मुंडा, डॉ बिरसी उरांव, सोमे उरांव व रमेश उरांव समेत कई लोग शामिल हुए.
इसे भी पढ़ें – गौतम अडानी पत्नी प्रीति अडानी के साथ प्रयागराज पहुंचे, महाकुंभ के इस्कॉन पंडाल में भंडारा सेवा की….
हर खबर के लिए हमें फॉलो करें
Whatsapp Channel: https://whatsapp.com/channel/0029VaAT9Km9RZAcTkCtgN3q
Twitter (X): https://x.com/lagatarIN
google news: https://news.google.com/publications/CAAqBwgKMPXuoAswjfm4Aw?ceid=IN:en&oc=3