विपक्ष पर जमकर बरसे मुख्यमंत्री
विपक्ष पर जम कर बरसते हुए सीएम ने कहा कि हमारी सरकार को पांच साल का कार्यकाल भी पूरा नहीं होने दिया गया. एक महीना पहले चुनाव की घंटी बजा दी गई. ये नहीं चाहते कि यहां के मूलवासी, आदिवासी यहां पूरे 5 साल पूरा कर सकें. दो-ढाई साल तो कोरोना ही खा गया. दो-ढाई साल हमलोग विपक्ष से लड़ते रहे. झारखंड अलग होने के बाद कोई इतिहास नहीं है कि समय से पहले कभी चुनाव हुआ है. कौन सा विपत्ति या कौन सा आपदा आ गया कि समय से पहले आप चुनाव कर रहे हैं. वह सिर्फ इसलिए कि चुनाव आयोग के पास अधिकार है. आज केंद्र की एजेंसिया भारतीय जनता पार्टी की कठपुतली बनकर रह गई है. जो इसके विरूद्ध आवाज उठाता है, उसे जेल में डाल दिया जाता है. हमको भी बिना किसी सबूत के जेल में डाल दिया गया.महिला सशक्तिकरण को लेकर लंबी लकीर खींची है
सीएम ने कहा कि हमलोगों ने महिला सशक्तिकरण के बीच एक लंबी लकीर खींची है. मुख्यमंत्री मईयां सम्मान योजना हमलोगों ने चलाया है. माता व बहनों के खाता में एक हजार रूपए भेज रहे हैं. आप आज संकल्प लीजिए कि हमलोग फिर से सरकार बनाएंगे. सरकार बनी तो एक-एक लाख रुपया हर घर पहुंचने का काम हमलोग करेंगे. मंईयां सम्मान योजना की राशि दिसंबर से ढाई हजार रुपया होने जा रहा है. हमको पता है हमारे राज्य के लोग कितने गरीब हैं. छोटे-छोटे जरूरत के लिए महाजनों से उधारी लेते हैं. अब किसी महाजन के पास आपको उधारी लेने का जरूरत नहीं पड़ेगी. सीएम ने कहा कि हमलोगों ने बिजली बिल माफ कर दिया. विपक्ष के पास कहने को कुछ नहीं है तो सिर्फ हिंदू- मुस्लिम और घुसपैठिया की बात कह कर और लड़वा-कटवा कर वोट छीनने का प्रयास करते हैं. फूट डालो राज करो कि राजनीति चलता है. हमलोगों का जो राज्य का खनिज संपदा है इस पर उनकी पूरी नजर है. झारखंड में गृह मंत्री और प्रधानमंत्री चक्कर काट रहे हैं. आपको हिंदू-मुस्लिम के नाम पर लड़वाकर वोट मांगने का काम कर रहें है. भारतीय जनता पार्टी रोटी, बेटी और माटी की बात करते हैं, लेकिन इन लोगों को रोटी बेटी की चिंता नहीं है. बीजेपी बोलती है कि पुनर्वास आयोग बनाएंगे. लेकिन यह सिर्फ घोषणा मात्र है. हम लोगों ने तो विस्थापन आयोग बना भी दिया है. इसे भी पढ़ें - सुप्रीम">https://lagatar.in/important-decision-of-the-bench-of-9-judges-of-supreme-court-government-cannot-acquire-every-private-property/">सुप्रीमकोर्ट के 9 जजों की बेंच का अहम फैसला, हर निजी संपत्ति को सरकारें अधिग्रहीत नहीं कर सकतीं [wpse_comments_template]