अच्छी बात यह है कि पिछले सात महीनों से जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ रुपये के ऊपर रहा था और मई में भी यह सिलसिला जारी रहा है
NewDelhi : कोरोना की दूसरी लहर के बीच कारोबार के मोरचे पर अच्छी खबर आयी है. खबर चह कि इस वर्ष मई में जीएसटी संग्रह 1,02,709 करोड़ रुपये रहा. जो पिछले साल मई के मुकाबले 65 फीसद अधिक है. हालांकि, इस वर्ष कोरोना संकट की दूसरी लहर के बीच अप्रैल का जीएसटी संग्रह रिकॉर्ड 1.41 लाख करोड़ रुपये रहा था. मई का संग्रह अप्रैल के मुकाबले 27 फीसद कम है. अच्छी बात यह है कि पिछले सात महीनों से जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ रुपये के ऊपर रहा था और मई में भी यह सिलसिला जारी रहा है.
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वास्तविक जीएसटी संग्रह 1.02 लाख करोड़ से अधिक हो सकता है
मई को मिलाकर पिछले आठ महीनों से जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ से अधिक हो रहा है, हालांकि, वित्त मंत्रालय का मानना है कि मई का वास्तविक जीएसटी संग्रह 1.02 लाख करोड़ से अधिक हो सकता है, क्योंकि कोरोना की वजह से कारोबारियों को जीएसटी रिटर्न फाइल करने की अवधि में छूट दी गयी थी. बता दें कि सामान्य परिस्थितियों में कारोबारियों को महीने की 20 तारीख तक जीएसटी रिटर्न फाइल करना होता है.
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कारोबारियों को रिटर्न फाइल करने के लिए 15 दिनों की छूट दी गयी थी
जानकारी के अनुसार पांच करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले कारोबारियों को रिटर्न फाइल करने के लिए 15 दिनों की छूट दी गयी थी. कारोबारियों ने गत चार जून तक अपने रिटर्न फाइल किये. पांच करोड़ से कम टर्नओवर वाले कारोबारियों को जुलाई के पहले सप्ताह तक बिना किसी विलंब शुल्क के रिटर्न फाइल करने की छूट दी गयी है. इसलिए पांच करोड़ से कम का कारोबार करने वाले कई कारोबारियों ने अपना रिटर्न फाइल नहीं किया है, इसलिए मई का वास्तविक जीएसटी संग्रह जुलाई के पहले सप्ताह के बाद ही पता चल पायेगा.
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सेस के रूप में सरकार को 9,265 करोड़ रुपये मिले
वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार मई के जीएसटी संग्रह में 17,592 करोड़ रुपये सीजीएसटी, 22,653 करोड़ रुपये एसजीएसटी तो 53,199 करोड़ रुपये आइजीएसटी के रूप में वसूले गये. सेस के रूप में सरकार को 9,265 करोड़ रुपये मिले. ये आंकड़े गत चार जून तक के हैं. वित्त मंत्रालय के अनुसार, मई में वस्तुओं के आयात से हासिल जीएसटी राजस्व पिछले वर्ष समान महीने के मुकाबले 56 फीसद अधिक रहा. वहीं पिछले महीने घरेलू लेनदेन (सेवाओं के आयात सहित) में बीते वर्ष समान महीने के मुकाबले 69 फीसद का उछाल आया.
लॉकडाउन के बावजूद आर्थिक गतिविधियां जारी रहीं
जीएसटी विशेषज्ञों के अनुसार मई का संग्रह इस बात को दर्शाता है कि कई राज्यों में लॉकडाउन के बावजूद आर्थिक गतिविधियां जारी रहीं. जीएसटी संग्रह सीधे तौर पर खपत से जुड़ा है, जो यह दर्शाता है कि गत मई में वस्तुओं की खपत जारी रही है. विशेषज्ञों का मानना है कि केंद्र की तरफ से देशव्यापी लॉकडाउन करने की स्थिति में जीएसटी का संग्रह इस स्तर पर कभी नहीं पहुंचता. कई जानकारों का यह भी कहना है कि मई के दौरान अधिकतर राज्यों में करीब-करीब पूर्ण लॉकडाउन की स्थिति बनी रहने के बावजूद जीएसटी संग्रह का आंकड़ा एक लाख करोड़ रुपये के पार पहुंचा, जो सुखद आश्चर्य है.