Saurav singh
Ranchi : झारखंड में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी जीएसटी की चोरी सरकार के लिए मुसीबत बन रही हैं. पिछले 15 दिनों में जीएसटी की टीम 400 करोड़ से अधिक की जीएसटी चोरी के मामले में जमशेदपुर, धनबाद और रामगढ़ जिले में कई ठिकानों पर छापामारी कर चुकी है. इस दौरान जीएसटी विभाग को सैकड़ों करोड़ रूपये की गड़बड़ी की जानकारी मिली हैं. गौरतलब है कि पूरे देश में एक जुलाई 2017 को जीएसटी लागू किया गया था. इसे लागू किये हुए आठ साल से ज्यादा का वक्त गुजर चुका है. इतने दिन गुजर जाने के बावजूद जीएसटी चोरी एक गंभीर मुद्दा है.
रामगढ़ कोयला सिंडिकेट को लेकर जीएसटी की छापेमारी
100 करोड़ से रुपये के जीएसटी घोटाले में सेन्ट्रल जीएसटी निदेशालय जमशेदपुर की अन्वेषण टीम ने 16 जनवरी को रामगढ़ के साढ़ूबेरा और झरिया में छापेमारी की थी. हालांकि इस मामले का आरोपी संदीप कुमार उर्फ राहुल फरार हो गया था. बताया जाता है कि यह मामला धनबाद के बड़े कोयला सिंडिकेट से जुड़ा हुआ है और इसकी जांच चल रही है. फिलहाल करीब 10 करोड़ के जीएसटी घोटाले का पता चला है. हालांकि आने वाले दिनों में इस कोयला सिंडिकेट के बड़े घोटाले का खुलासा हो सकता है.
जमशेदपुर 150 करोड़ रुपये के बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश
जमशेदपुर और आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में 24 जनवरी को जीएसटी विभाग ने छापामारी कर 150 करोड़ रुपये के बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया था. आठ अलग-अलग प्रतिष्ठानों पर एक साथ कार्रवाई हुई थी. इसमें फर्जी बिलिंग के जरिए सरकारी खजाने को चूना लगाने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ था. जिसका मुख्य सूत्रधार विकास जैसुका, उसका भाई राजेश जैसुका और सहयोगी गोलू था. आशंका है कि जीएसटी चोरी की रकम 30 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है.
धनबाद में 100 करोड़ के कैश लेन-देन के कागजात मिले
धनबाद में 150 करोड़ रुपए की जीएसटी चोरी के मामले में जमशेदपुर की डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस की टीम ने 31 जनवरी को धनबाद के धैया, झरिया, सरायढेला, गोविंदपुर समेत आठ जगहों पर छापेमारी की थी. धैया स्थित हवेली अपार्टमेंट में जीएसटी चोरी के मास्टरमाइंड सौरव सिंघल और उसके सहयोगी शिवम सिंह के घर व दफ्तर में जांच की गई.
दोनों के घर व दफ्तरों से नोट गिनने वाली तीन मशीनें, पांच लैपटॉप, पेन ड्राइव, छह मोबाइल व हार्ड डिस्क जब्त किये गये थे. यही नहीं, डीजीजीआइ को 100 करोड़ के कैश लेन-देन के कागजात भी मिले ट्रिनिटी फ्यूल, श्रीराम ट्रेडिंग कंपनी, मां तारा इंटरप्राइजेज सहित 25 फर्जी कंपनियों के इनवॉइस भी जब्त किये गये हैं. हालांकि छापेमारी से पहले ही सौरव सिंघल व शिवम सिंह फरार हो गये थे.
दो तरह से होती है टैक्स की चोरी
जीएसटी सिस्टम में कुछ आधारभूत खामियां हैं. उसी खामियों का फायदा चोरी करने वाले उठाते हैं. जीएसटी के तहत दो तरीके से टैक्स चोरी हो रही है. कई लोग फर्जी बिल के जरिए इनपुट टैक्स क्रेडिट ले रहे हैं. इसके अलावा कारोबार को कम करके बताया जा रहा है. इसका मतलब है कि प्रॉडक्ट की खरीदारी और बिक्री बगैर बिल के हो रही है. बड़े पैमाने पर कैश में लेन-देन किया जा रहा है. इसके अलावा ब्लैक मनी का खूब इस्तेमाल होता है.
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