Hazaribagh: शहर के मालवीय मार्ग स्थित राणी सती मंदिर में तीन दिवसीय भादी महोत्सव मनाया गया. शनिवार को समापन के मौके पर राणी सती मंदिर में सुबह मंगला आरती के बाद पाटा पूजा की गई. दादी भक्तों ने प्रातः पांच से दोपहर तक दादी की पूजा-अर्चना की. उसके बाद सभी दादी भक्तों के बीच प्रसाद स्वरूप खीर, पुड़ी व बुंदिया का भोग वितरण किया गया. वहीं देर शाम 13 सुहागनों ने भव्य महाआरती की. मंदिर के प्रधान पुजारी शशिकांत मिश्रा ने राणी सती दादी की पूजा करवा कर भव्य महाआरती प्रारंभ करवाया. महाआरती संपन्न के बाद सभी भक्तों ने जमकर दादी के भजनों पर नृत्य किया.
मौके पर दादी भक्तों ने कहा कि दादी की असीम कृपा से भादी महोत्सव का तीसरा दिन भी ऐतिहासिक रूप से संपन्न हुआ. इसके लिए समस्त मारवाड़ी समाज के दादी भक्त बधाई के पात्र हैं. साथ ही बताया कि पुराने इतिहास के मुताबिक महाभारत के युद्ध में चक्रव्यूह में अर्जुन पुत्र अभिमन्यु वीरगति को प्राप्त हुए थे. उस समय अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा को भगवान श्री कृष्ण ने वरदान दिया था कि तू कलयुग में नारायणी के नाम से श्री राणी सती के नाम से विख्यात होगी और हर किसी का कल्याण करेगी और पूरे दुनिया में उनकी पूजा की जाएगी. इसीलिए भादो की नवमी में राणी सती दादी की पूरे भारतवर्ष में पूजा-अर्चना की जाती है.
इससे पहले शुक्रवार को राणी सती दादी मंदिर समिति के अध्यक्ष शंभू नाथ अग्रवाल ने सुप्रसिद्ध भजन गायक सुमित शर्मा उर्फ सोनू एवं अन्य पदाधिकारियों ने उनके सहयोगियों को सम्मानित किया. वहीं नृत्य नाटिका संतोष एवं कोमल की टीम के सदस्यों ने राणी सती दादी की जन्म से लेकर विदाई तक की नृत्य प्रस्तुत की. मंदिर परिसर में पिछले 25 वर्षों में पहली बार नृत्य नाटिका आयोजित की गई. पाठ के दौरान इत्र उत्सव, जन्मोत्सव बधाई, चूड़ी उत्सव, हल्दी उत्सव, सिंदूर उत्सव, मेहंदी उत्सव, गजरा उत्सव, चुनरी उत्सव एवं दादी पाठशाला जैसे कई उत्सव महिलाओं ने दादी की जन्म से लेकर विदाई तक में आयोजित की.
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मंगल पाठ के दौरान दादी का भव्य ज्योति भी ली गई. सभी महिलाएं राजस्थानी परिधान में पाठ में सम्मिलित हुईं. पाठ के दौरान जय दादी की जयकारों की गूंज गूंजती रही. दादी के जन्म के वक्त तमाम महिलाओं के बीच टॉफी और मेवे का वितरण किया गया. वहीं दादी की विदाई के वक्त सुहाग पिटारी का वितरण किया गया. बांटो- बांटो आज बधाई राणी सती दादी आज घर आयी…जैसे भजनों पर दादी भक्त जमकर झूमे. वहीं पहले दिन गुरुवार को महंदी उत्सव और भजन का आयोजन हुआ. अंत में दादी की भव्य आरती के साथ पाठ समापन हुआ.
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