Hazaribagh: छात्र जीवन में कॉलेज की राजनीति का अलग महत्व है. जब छात्र संघ के चुनाव की घोषणा होती है, तब इसकी महत्ता समझ में आती है. कॉलेज हो या यूनिवर्सिटी हर जगह विद्यार्थियों का शोरगुल होता है. विद्यार्थी इसमें भाग लेते हैं और अपने मत का प्रयोग कर अपने नेता का चुनाव करते हैं. कॉलेज में जो भी समस्याएं आती हैं, वह नेता के जरिये प्रबंधन तक पहुंचाते हैं. लेकिन पिछले कुछ समय से छात्र संघ का चुनाव नहीं हो रहा है. इससे छात्रों की समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है. चुनाव नहीं होने से उनमें असंतोष बढ़ता जा रहा है. विनोबा भावे विश्वविद्यालय की भी यही स्थिति है. वर्ष 2018 के बाद से छात्र संघ का चुनाव नहीं हुआ है. इससे छात्र नेताओं में नाराजगी है. इस मामले को समझने लगातार मीडिया की टीम छात्रों के बीच पहुंची और उनकी प्रतिक्रिया ली.
छात्रहित के लिए छात्र संघ का चुनाव होना चाहिए : अमरदीप
अमरदीप यादव वर्ष 1998 से 2009 तक विभावि में संयोजक और प्रदेश सदस्यता प्रभारी के पद पर रहे भाजपा ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अब दूसरे कार्यकाल की कमान संभाल रहे हैं. उनका कहना है कि छात्र संघ का चुनाव नहीं होने से विद्यार्थी प्रभावित हो रहे हैं. विभावि प्रशासन छात्रों को नेतृत्व और प्रतिनिधत्व का अधिकार दिलाने में अक्षम साबित हो रहा है. छात्र संघ का चुनाव होने से विद्यार्थियों की मूलभूत समस्याओं का समाधान हो पाता है. छात्र संघ का प्रतिनिधित्व होने पर लैब, पेयजल, शौचालय, पुस्ताकालय, सत्र नियमितिकरण और वक्त पर परीक्षा जैसे विषय पक आवाज मुखर होती है. लेकिन कॉलेज और विवि प्रशासन नहीं चाहता कि विद्यार्थियों में नेतृत्व क्षमता का विकास हो. चूंकि उनके मनमानेपन और लापरवाहियों की पोल खुल जाएगी. उन्होंने कहा कि छात्रहित के लिए हर हाल में समय पर छात्र संघ का चुनाव होना चाहिए.
नेतृत्वकर्ता छात्रों की बातों को ऊपर तक पहुंचाते हैं : मिथिलेश
एनएसयूआई के विभावि में अध्यक्ष और सीनेट के पूर्व सेक्रेटरी व वर्तमान में युवा कांग्रेस के सक्रिय सदस्य के रूप में भागीदारी निभा रहे डॉ मिथिलेश कुमार सिंह कहते हैं कि छात्र नेता आम छात्रों की समस्याओं को विश्वविद्यालय और महाविद्यालय प्रशासन तक पहुंचाते हैं. यह आम छात्र नहीं कर सकता है. ऊपर तक अपनी बात रखने में वह हिचकिचाता है. ऐसे में छात्र संघ के नेतृत्वकर्ता उनकी बातों को सीधा ऊपर तक पहुंचाने में अपनी अहम भूमिका निभाते हैं. इसलिए छात्र हित में छात्र संघ का चुनाव जरूरी है.
छात्र संघ का चुनाव होना जरूरी : गणेश कुमार
अस्सी के दशक में स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) से सीपीएम में राजनीति कर रहे पार्टी के जिला सचिव गणेश कुमार सीटू कहते हैं कि वक्त पर छात्र संघ का चुनाव होना जरूरी है. छात्रों की समस्याओं के निदान के लिए प्रतिनिधित्व का होना अनिवार्य है. अगर यह प्रतिनिधित्व नहीं होगा, तो समस्याओं के साथ विद्यार्ती कुंठित हो जाएंगे. किसी भी समस्या का निदान जितना जरूरी है, उतना ही आवश्यक उन समस्याओं के निराकरण के लिए उसका सही मंच पर उठाया जाना है. विभावि में अगर समय पर छात्र संघ का चुनाव नहीं हो रहा है, तो यह सरासर गलत है. जल्द-से-जल्द VBU में छात्रहित में छात्र संघ का चुनाव होना जरूरी है. विभावि प्रशासन को चाहिए कि इसके लिए शीघ्रताशीघ्र पहल करे.
नेतृत्व क्षमता का विकास होता है : विकास राणा
वर्ष 2006-10 तक आजसू छात्र मोर्चा से विभावि प्रभारी रहे वर्तमान में आजसू पार्टी के जिलाध्यक्ष विकास राणा कहते हैं कि शिक्षित लोगों के आने से राजनीति की दशा और दिशा में सुधार संभव है. छात्र संघ से विद्यार्थियों को सक्रिय राजनीति में आने का सुनहरा मौका मिलता है. ऐसे में छात्र संघ का चुनाव जरूरी है. इससे नेतृत्व क्षमता का विकास होता है. छात्रों की समस्याओं का समाधान हो पाता है. इसलिए नेतृत्वकर्ता का होना जरूरी है. छात्र संघ का चुनाव होने से आम छात्रों के हितों की बात से विश्वविद्यालय और महाविद्यालय प्रशासन भी वाकिफ हो पाएगा.
नेतृत्वकर्ता छात्रों की आवाज बनते हैं : सुनील शर्मा
विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग में वर्ष 2008-12 तक झारखंड छात्र मोर्चा का सचिव रहे झामुमो युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील शर्मा कहते हैं कि छात्रों को उनका अधिकार दिलाने के लिए छात्र संघ का चुनाव जरूरी है. छात्र संघ से चुनकर आए विद्यार्थियों में दायित्व का बोध होता है. उसी दायित्व का निर्वहन कर वे छात्रिहत में अपनी आवाज बुलंद करते हैं. यह आम छात्रों से संभव नहीं है. नेतृत्वकर्ता उनकी दबी हुई जुबां की आवाज बनते हैं और उनकी समस्याओं के समाधान के प्रति मुखर होते हैं. ऐसे में छात्र संघ का चुनाव वक्त पर हो, इसकी जिम्मेवारी विवि प्रशासन को भी लेनी चाहिए.
कॉलेज प्रबंधन को ध्यान देना चाहिए : प्रकाश यादव
संत कोलंबा कॉलेज और फिर विनोबा भावे विश्वविद्यालय में एनएसयूआई के प्रभारी रहे वर्तमान में युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष प्रकाश यादव कहते हैं कि विद्यार्थियों की समस्याओं के निराकरण के लिए छात्र संघ का चुनाव होना ही चाहिए. अगर चुनाव नहीं होगा तो आम छात्रों की परेशानियों को कौन उठाएगा. ऐसे में विश्वविद्यालय या महाविद्यालय मनमाने तरीके से काम करता रहेगा और उसका विरोध करनेवाला कोई नहीं होगा. फीस बढ़ोतरी हो या क्लास व परीक्षा संबंधी समस्याएं या छात्रों की बुनियादी पेयजल, शौचालय, पुस्तकालय जैसी समस्याओं को उठानेवाला कोई नहीं है. इस पर कॉलेज प्रबंधन को ध्यान देना चाहिए.
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