जारी थी. बुद्ध की भूमि स्पर्श मुद्रा की मूर्तियां महीने भर पहले ही निकाली गयी थी. और तब पता चला था कि यह पूरा इलाका बौद्ध के तंत्रज्ञान के रूप में विकसित था. इसके अलावा यहां पर एक छोटा बौद्ध विहार भी था, जहां से यह मूर्तियां मिली हैं.पिछले 2 साल से हो रहे इस खुदाई स्थल पर स्थानीय प्रशासन ने पुलिस बल की तैनाती भी की थी. लेकिन बावजूद इसके रात में इन पौराणिक और बेशकीमती मूर्तियों का चोरी चला जाना प्रशासनिक स्तर पर घोर लापरवाही को दर्शाता है. इसे भी पढ़ें - खुशहाल">https://lagatar.in/finland-tops-the-list-of-happy-countries-india-at-139th-position-pakistan-bangladesh-and-china-ahead-of-us/40240/">खुशहाल
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विधायक ने स्थल के विकास के लिए सीएम से की थी बात
बता दें कि इस साइट को लेकर शनिवार को ही हजारीबाग सदर विधायक मनीष जायसवाल ने सीएम से मुलाकात की थी. मनीष जायसवाल ने हजारीबाग स्थित जुलजुल पहाड़ी की तलहटी पर बौद्ध इतिहास के अवशेष का हो रही खुदाई खुदाई के तस्वीरों का एलबम सीएम को दिय़ा था. साथ ही इससे जुड़ी सारी जानकारी भी हेमंत सोरेन को दी थी. विधायक ने क्षेत्र को विकसित करने के लिए सीएम से चर्चा भी की थी. उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बताया था कि इस स्थल की वर्त्तमान स्थिति दयनीय है और मौसम की जबरदस्त मार झेल रही है. अगर इनके संरक्षण संबंधित निर्णय जल्द नहीं लिया गया तो यह अभूतपूर्व खोज इतिहास ही हो जाएगा. इसे लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधायक को आश्वासन दिया था. सीएम ने कहा था कि इन मांगों को सरकार प्राथमिकता देते हुए अविलम्ब फैसला लेगी. साथ ही इस स्थल के जीर्णोद्धार और संरक्षित करने की दिशा में ठोस कदम उठाएगी. इसके अलावा सीएम ने ये ङी कहा था कि यहां से कोई भी मूर्ति को बिहार या कहीं और नहीं भेजा जाएगा. इसे भी पढ़ें - राहुल">https://lagatar.in/rahul-gandhi-accuses-modi-government-freedom-of-speech-is-limited-to-just-a-matter-of-mind/40229/">राहुलगांधी का मोदी सरकार पर आरोप, बोलने की आजादी सिर्फ मन की बात तक ही सीमित है
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