Hazaribagh: जल सहियाओं ने बुधवार को डीसी कार्यालय के समक्ष एकदिवसीय धरना देकर अपना आक्रोश व्यक्त किया. सैकड़ों की संख्या में मौजूद जल सहियाओं ने नौ सूत्री मांगों का ज्ञापन DC को सौंपा. इसमें जल सहिया को चतुर्थवर्गीय कर्मचारी में नियुक्ति, वर्ष में दो सेट पोशाक, पूर्व का बकाया मानदेय प्रतिमाह 1000 रुपए के हिसाब से भुगतान करने और पूर्व में शौचालय निर्माण कार्य की प्रोत्साहन राशि 150 रुपए प्रति शौचालय के हिसाब से जोड़ कर देना समेत अन्य मांगें शामिल हैं.
जल सहिया का कहना है कि उनलोगों ने हजारीबाग में स्वच्छ भारत मिशन के तहत दिन-रात काम किया और शौचालय का निर्माण कराया. इतना ही नहीं, ग्रामीणों के व्यवहार परिवर्तन करवाने में भी उनलोगों का महत्वपूर्ण योगदान रहा. लेकिन उनलोगों को आज तक प्रोत्साहन राशि भुगतान नहीं किया गया है. यही नहीं अब सरकार उनलोगों को जो 1000 रुपए मानदेय देती थी, वह भी देना नहीं चाहती है. ऐसे में वे लोग कैसे काम करेंगी.
जल सहिया का यह भी कहना है कि जब भी गांव पंचायत में सर्वे कराना हो, पेयजल की समस्या हो, तो उनलोगों से काम लिया जाता है. लेकिन उनलोगों को भुगतान नहीं किया जाता है. जल सहिया का कहना है कि काम तो वे लोग पेयजल स्वच्छता विभाग के लिए करती हैं, जो एजेंसी के माध्यम से काम कराया जाता है. अधिकतम लाभ के कारण जलापूर्ति व अन्य कार्य की गुणवत्ता पर बुरा प्रभाव पड़ता है. इसका खामियाजा उनलोगों व ग्रामीणों को भुगतना पड़ता है. ऐसे में सरकार जल सहियाओं पर ध्यान दे.
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जल सहिया संघ की जिला अध्यक्ष सपना शर्मा का कहना है कि अगर उनलोगों का बकाया राशि का भुगतान नहीं हुआ, तो वे लोग पूरे राज्य में 25 हजार की संख्या में हैं. अब वे लोग रांची में जाकर आंदोलन करेंगीं और ईंट से ईंट बजा देंगी. वहीं हजारीबाग सदर विधायक मनीष जायसवाल ने भी उनके आंदोलन को अपना समर्थन दिया. उनका कहना है कि सरकार इनका मानदेय नहीं देती है, तो यह आंदोलन तो करेंगी ही वे भी मामला सत्र चलने के दौरान सदन में भी उठाएंगे.
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