Ranchi: कोरोना संक्रमण से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान झारखण्ड हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. अदालत ने पूछा है कि दूसरे देशों से ऑक्सीजन सिलेंडर आयात करने पर पाबंदी क्यों लगाई गई है? इस मामले पर अगली सुनवाई के लिए 17 जून की तारीख़ मुक़र्रर की गई है. झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस कृष्ण प्रसाद की डबल बेंच में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से अदालत को बताया गया कि कई दूसरी संस्थाएं ऑक्सीजन सिलेंडर दूसरे देशों से मंगा रही हैं. ऐसी परिस्थिति में झारखंड सरकार ऑक्सीजन सिलेंडर दूसरे देश से क्यों नहीं मंगा सकता.
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सरकार ऑक्सीजन सिलेंडर सऊदी अरब से निर्यात करना चाहती है
राज्य सरकार की तरफ से अदालत में पक्ष रख रहे महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कोर्ट को बताया कि झारखंड सरकार टाटा के साथ मिलकर 4500 ऑक्सीजन सिलेंडर सऊदी अरब से आयात करना चाहती है.लेकिन केंद्र सरकार इसकी इजाजत नहीं दे रहा है.अदालत को बताया गया कि यह राज्य हित की बात है.झारखंड के पास ऑक्सीजन की कमी नहीं है लेकिन सिलेंडर की कमी है.अगर झारखंड के पास पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध हो जाएंगे, तो कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी में यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा. सरकार का पक्ष सुनने के बाद हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है.महाधिवक्ता राजीव रंजन के मुताबिक हाईकोर्ट ने पूछा है कि यह पाबंदी क्यों लगाई गई है.महाधिवक्ता राजीव रंजन के साथ अधिवक्ता पीयूष चित्रेश अदालत के समक्ष उपस्थित रहे.
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