Delhi: किसान आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज गुरुवार को होनेवाली सुनवाई टल गई है. अदालत में किसी किसान संगठन के नहीं होने के कारण कमेटी पर फैसला नहीं हो पाया है. किसान आंदोलन पर दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि किसानों के ‘राइट टू प्रोटेस्ट’ के अधिकार में कटौती नहीं कर सकती है. लेकिन यह देखना होगा कि दूसरे नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन न हो. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वो किसानों से बात करने के बाद ही अपना फैसला सुनाएंगे. आगे इस मामले की सुनवाई दूसरी बेंच करेगी.
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आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में सर्दियों की छुट्टी है, ऐसे में वैकेशन बेंच ही इसकी सुनवाई करेगी. वहीं इस मामले पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि सरकार को मौजूदा कृषि कानूनों को होल्ड पर रखने पर विचार करना चाहिए. हालांकि, सॉलिसिटर जनरल ने इसका विरोध किया जिसपर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने इसपर विचार करने की बात कही है. अब किसानों के इस मामले पर अगले सप्ताह सुनवाई की जाएगी.
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गुरुवार को सुनवाई शुरू होने से पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि वो आज वैधता पर फैसला नहीं देगी और आज बस किसानों के प्रदर्शन पर सुनवाई होगी. SC ने कहा कि ‘पहले हम किसानों के आंदोलन के ज़रिए रोकी गई रोड और उससे नागरिकों के अधिकारों पर होने वाले प्रभाव पर सुनवाई करेंगे. वैधता के मामले को इंतजार करना होगा.’ अदालत में किसी किसान संगठन के ना होने के कारण कमेटी पर फैसला नहीं हो पाया. दूसरी ओर किसानों का आंदोलन अभी भी जारी है, किसान कानून वापसी की मांगों पर अड़े हैं.
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