Ranchi : झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले ही विपक्ष धरना दे रहे है. जेपीएससी पीटी परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर भाजपा के सभी विधायक विधानसभा के बाहर धरना पर बैठ गए हैं. पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी भी धरने पर बैठ गए हैं. बीजेपी के सभी विधायक हेमंत सरकार हाय हाय, मुर्दाबाद के नारे लगा रहे हैं. पीटी परीक्षा में हुए धांधली को लेकर बाबूलाल मरांडी ने सीबीआई जांच की मांग की है.
इससे पहले गोड्डा के भाजपा विधायक अमित मंडल ने सदन के बाहर अपने शरीर पर खून चढ़ा कर हेमंत सरकार पर गरीबों और युवाओं के दोहन करने का आरोप लगाया है. अमित मंडल ने कहा है कि हेमंत सरकार आज खून पर सरचार्ज लगाकर राजस्व वसूल रही है शादी गरीबों और झारखंड के युवाओं का दोहन कर रही है. उन्होंने जेपीएससी मुद्दे पर कहा है कि जिस तरह वहां पर लाठी बरसाई गई उससे कहीं युवाओं को गंभीर चोटें लगी. हेमंत सरकार पर चुनावी घोषणा के अनुरूप अपने वादों को पूरा करने की बात करते हुए अमित मंडल ने कहा है कि जेपीएससी पीटी परीक्षा का अविलंब रद्द करना चाहिए साथ ही जेपीएससी अध्यक्ष अमिताभ चौधरी को बर्खास्त कर पूरे मामले की निष्पक्षता से जांच करनी चाहिए.
वहीं, भाजपा विधायक ने साफ संकेत दे दिया है कि जेपीएससी मामले पर वे सदन को सही तरीके से नहीं चलने देंगे. बीजेपी के दो महिला विधायक नीरा यादव और अपर्णा सेनगुप्ता भी जेपीएससी पीटी परीक्षा रद्द करो और अमिताभ चौधरी को बर्खास्त करो की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं.
जेपीएससी मामले पर सरकार को स्टैंड क्लियर करना चाहिए
गोमिया विधायक लंबोदर महतो ने स्पष्ट कहा है कि जेपीएससी में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरती गई है. एक ऐसी कंपनी से पूरी परीक्षा की प्रक्रिया पूरी की गई है जो बिहार में ब्लैक लिस्टेड है. ऐसे में संदेह की बात तो सामने आती है. उन्होंने सरकार से अपील किया है कि पूरे मामले पर सरकार का अपना स्टैंड क्लियर करना चाहिए और उच्च स्तरीय जांच बनाकर गड़बड़ी के सच को सामने लाना चाहिए. लंबोदर महतो ने स्थानीय नीति के मुद्दे पर भी सरकार पर सवाल खड़ा किया है. कहा कि 10वीं और 12वीं परीक्षा को लेकर जो स्थानीय नीति बनाई गई है, वह झारखंडी छात्रों के विपरीत है.
अनंत ओझा ने स्पष्ट किया है कि शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन पार्टी विधायक कार्य स्थगन प्रस्ताव लाने जा रहे हैं. इसमें जेपीएससी पीटी परीक्षा में हुए धांधली, नियुक्ति के घोटाले का, अनुबंध कर्मियों को हटाने की बात की जाएगी. साथ ही सरकार से मांग की जाएगी कि पीटी परीक्षा को अभिलंब रद्द करा सीबीआई जांच करें और आयोग के अध्यक्ष को तत्काल बर्खास्त करें
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