Ranchi : बुधवार को राजधानी में राजभवन के समक्ष वाटर चार्ज में की गई वृद्धि को लेकर एकदिवसीय धरना-प्रदर्शन किया गया. इस कार्यक्रम का नेतृत्व रांची मेयर डॉ. आशा लकड़ा ने किया. धरना-प्रदर्शन में आम जनता, विभिन्न सामाजिक व राजनीतिक संगठन समेत शहर के विभिन्न वर्ग के लोग शामिल रहे. इस दौरान मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि वाटर चार्ज में वृद्धि को लेकर राज्य सरकार की ओर से जारी अधिसूचना जनविरोधी है. मेयर ने कहा कि नगर आयुक्त ने नगर निगम परिषद से इस प्रस्ताव पर स्वीकृति लिए बिना खुद ही राज्य सरकार की अधिसूचना को बैक डेट से जारी कर दिया है.
कहा कि वाटर चार्ज व वाटर कनेक्शन शुल्क में की गई अप्रत्याशित वृद्धि से समाज के हर वर्ग पर अनावश्यक रूप से आर्थिक बोझ बढ़ा है. मार्च 2020 से आम लोग कोरोना महामारी के कारण आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. ऐसे में वाटर चार्ज व वाटर कनेक्शन शुल्क में की गई वृद्धि आम लोगों को अनावश्यक रूप से परेशान करना है.
साथ ही मेयर ने कहा कि हेमंत सरकार रांची की आम जनता की कमर तोड़ना चाहती है. हम इसका पूरी सख्ती से विरोध करते हैं.
इसे भी पढ़ें – एक करोड़ के इनामी नक्सली प्रशांत बोस की पत्नी शीला मरांडी रिम्स में भर्ती, आया था मिर्गी का दौरा
वाटर कनेक्शन शुल्क में पूर्व की तुलना में 14 गुना वृद्धि कर
आशा लकड़ा ने कहा कि राज्य सरकार ने वाटर चार्ज की नई नीति में बीपीएल परिवार को भी राहत नहीं दिया है. बीपीएल परिवार को मात्र पांच हजार लीटर शुद्ध पेयजल ही निःशुल्क दिया गया है. पांच हजार लीटर से 50 हजार किलो लीटर तक बीपीएल परिवार को 9/- रुपये प्रति किलो लीटर की दर से भुगतान करना होगा. जहां एक ओर केंद्र सरकार बीपीएल परिवार को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लाभान्वित कर रही है, वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार बीपीएल परिवार को भी वाटर चार्ज के दायरे में लाकर उनकी मेहनत की कमाई का हिस्सा मांग रही है.
पूर्व में उपभोक्ताओं को 6/- रुपये प्रति किलो लीटर की दर से वाटर चार्ज का भुगतान करना पड़ता था. जबकि वर्तमान में उपभोक्ताओं को 5 हजार से 50 हजार लीटर शुद्ध पेयजल के उपभोग के लिए डेढ़ गुना यानि कि 9/- रुपये प्रति किलो लीटर की दर से भुगतान करना होगा. और 50 हजार से अधिक जल का उपयोग करने पर लगभग दो गुणा यानि लगभग 11/- रुपये प्रति किलो लीटर की दर से भुगतान करना होगा. इसके अलावा उपभोक्ताओं को वाटर कनेक्शन के लिए पूर्व निर्धारित शुल्क 500 /- रुपये की जगह 7,000 रुपये भुगतान करना होगा. इससे आगे मेयर ने कहा कि इस तरह से, राज्य सरकार ने वाटर कनेक्शन शुल्क में पूर्व की तुलना में 14 गुना वृद्धि कर दिया है, जो जनविरोधी नीति का प्रमाण है.
राज्य सरकार लोगों को कर रही गुमराह – मेयर
राज्य सरकार शहर वासियों को निःशुल्क वाटर कनेक्शन के नाम पर गुमराह कर रही है. राज्य सरकार ने सिर्फ उन क्षेत्रों में वाटर कनेक्शन निःशुल्क किया है, जहां नए सिरे से पाइपलाइन बिछाए जा रहे हैं. राज्य सरकार की नई अधिसूचना के तहत जिन क्षेत्रों में पुराने पाइपलाइन से जलापूर्ति की जा रही है, उन क्षेत्रों में उपभोक्ताओं को वाटर कनेक्शन के लिए भवनों के अलग-अलग प्रकार के तहत 7,000 से लेकर 42,000 रुपये तक का भुगतान करना होगा. इसके अलावा व्यवसायिक एवं औद्योगिक उपभोक्ताओं को 26/- स्क्वायर फीट के तहत भुगतान करना होगा. मेयर ने कहा कि राज्य सरकार की इस नई अधिसूचना को गैर कानूनी तरीके से लागू किया गया है. धरना प्रदर्शन में मेयर के साथ-साथ संजय जयसवाल, अनिता, गोपाल सोनू, रामदेवनाथ शाहदेव के साथ ही अन्य लोग भी मौजूद रहे.
इसे भी पढ़ें –लखीमपुर हिंसा मामले में SC का फैसला, हाई कोर्ट के पूर्व जज राकेश जैन करेंगे जांच की निगरानी
Leave a Reply