Ranchi: भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा रक्षाबंधन के दिन सांकेतिक रूप से कुछ महिलाओं को मंईयां सम्मान योजना की पहली किस्त की 1000 रुपए राशि देने की घोषणा को नौटंकी करार दिया. प्रतुल ने कहा कि वस्तुतः रक्षाबंधन के दिन हेमंत सोरेन अपनी सरकार की रक्षा के लिए यह ड्रामेबाजी कर रहे हैं. मुख्यमंत्री को स्पष्ट करना चाहिए कि उनकी सरकार ने तो गरीब महिलाओं को 8000 रुपए महीना देने का वादा अपने निश्चय पत्र में किया था, उसका क्या हुआ? 2000 रुपए प्रतिमाह चूल्हा खर्चे में और 6000 रुपए गरीब परिवारों को देने का साफ जिक्र है निश्चिय पत्र में. अब चुनाव को देखकर मात्र 1000 रुपए प्रति माह का झुनझुना थमाने की तैयारी हो रही है.
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पौने पांच वर्षों के कार्यकाल में लगभग 7000 रेप की घटनाएं हुई
प्रतुल ने कहा कि इस सरकार के पौने पांच वर्षों के कार्यकाल में लगभग 7000 रेप की घटनाएं हुई. एक आदिम जनजाति की बेटी के 50 टुकड़े कर दिए गए तो दुमका में एक बेटी को जिंदा पेट्रोल छिड़क कर जला दिया गया. बरहेट में एक नाबालिग आदिवासी बेटी को रेप के बाद फांसी पर लटका कर हत्या कर दी गई. सैकड़ों सामूहिक दुष्कर्म की घटनाएं हुई. इन सारे रेप के जघन्य मामलों पर सरकार असंवेदनशील क्यों रही?सरकार को श्वेत पत्र जारी करके बताना चाहिए कि कितने मामलों में उन्होंने फास्ट ट्रैक कोर्ट के जरिए दुष्कर्मियों को सजा दिलाई और कितने मामलों में अभी भी चार्जशीट नहीं हुआ. प्रतुल ने कहा, यह श्वेत पत्र सरकार कभी जारी नहीं करेगी, क्योंकि इससे सरकार की कलई खुल जाएगी.
योजनाओं को जमीन पर उतारने में हेमंत सरकार फिसड्डी साबित हुई
प्रतुल ने कहा कि हेमंत सरकार का डिलीवरी मेकैनिज्म वैसे भी बहुत ही घटिया है. सरकार ने 26 जनवरी, 2022 को पूरे तामझाम के साथ गरीबों के लिए 25 रुपए प्रति लीटर पेट्रोल सब्सिडी की शुरुआत की थी. ये योजना अब लगभग बंद हो गया है. अबुआ आवास में सिर्फ वित्तीय वर्ष 2023- 24 में पहले किश्त जारी की गई है. 2024 – 25 वित्तीय वर्ष का तो कोई किश्त भी जारी भी नहीं हुआ है. पूरे राज्य में एक भी अबुआ आवास आज तक बनकर तैयार नहीं हुआ. मंईयां सम्मान योजना में वित्त मंत्री साफ कह रहे हैं कि आकस्मिक निधि से इस वित्तीय वर्ष में सिर्फ 1000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.जबकि एक महीने में 50 लाख महिलाओं को इस योजना में 500 करोड़ देने पड़ेंगे. प्रतुल ने कहा कि तो क्या सरकार मान रही है कि वह सिर्फ दो महीने का झुनझुना है और उसके बाद यह योजना बंद हो जाएगी.
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