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हेमंत का 16 साल का राजनीतिक करियर, छात्र नेता से रिकॉर्ड चार बार सीएम तक का सफर

Ranchi: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चौथी बार सीएम बनकर एक अनोखा रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है. छात्र नेता के रूप में हेमंत सोरेन ने अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत की थी. उन्होंने अपना पहला चुनाव 2005 में दुमका सीट से लड़ा, जिसमें उन्हें स्टीफन मरांडी से शिकस्त की सामना करना पड़ा. जून 2009 में राज्यसभा के सदस्य चुने गए. इसी साल 2009 में दुबारा दुमका सीट से चुनाव लड़कर जीत हासिल की. इसके बाद हेमंत सोरेन ने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा. वे झारखंड सरकार में मंत्री और डिप्टी सीएम भी रहे.

2010 में झारखंड के डिप्टी सीएम बने हेमंत

हेमंत सोरेन अर्जुन मुंडा सरकार में सितंबर 2010 में डिप्टी सीएम बने. डिप्टी सीएम के रूप में उनका कार्यकाल जनवरी 2013 तक रहा. इसके बाद कांग्रेस और राजद के समर्थन से हेमंत सोरेन पहली बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने. जुलाई 2013 में उन्होंने सीएम के रूप में शपथ ली. हेमंत सोरेन का मुख्यमंत्री के रूप में पहला कार्यकाल 17 महीनों का रहा.

2014 में झामुमो को करना पड़ा हार का सामना

2014 के विधानसभा चुनाव में झामुमो को हार का सामना करना पड़ा. झारखंड में रघुवर दास के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी. हेमंत सोरेन 2019 तक नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में रहे.

2019 में झामुमो ने की वापसी

2019 में झामुमो ने शानदार वापसी की. झारखंड में झामुमो, कांग्रेस और राजद ने मिलकर सरकार बनाई. 29 दिसंबर 2019 को हेमंत सोरेन ने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. लेकिन हेमंत सोरेन का यह कार्यकाल काफी चुनौती भरा रहा. 31 जनवरी 2024 को जमीन घोटाले मामले में उनकी गिरफ्तारी हुई. जिसके कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. चंपाई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया गया. 28 जून 2024 को हेमंत सोरेन को जमानत मिली. चंपाई सोरेन ने तीन जुलाई 2024 को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया. चार जुलाई को हेमंत सोरेन ने तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.

अब हेमंत की चौथी पारी

विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन को शानदार जीत मिली. अब सीएम हेमंत सोरेन ने चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. चौथी बार मुख्यमंत्री का शपथ लेते ही हेमंत सोरेन ने शिबू सोरेन, अर्जुन मुंडा के साथ खुद अपना तीन बार सीएम बनने का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है. हेमंत सोरेन की फैक्ट फाइल • हेमंत सोरेन का जन्म 10 अगस्त 1975 को हुआ. • 1990 में पटना के एमजी हाईस्कूल से मैट्रिक की पढ़ाई की. • 1994 में पटना हाईस्कूल से इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की. • बीआइटी मेसरा में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में दाखिला लिया. इसे भी पढ़ें - बांग्लादेश">https://lagatar.in/bangladesh-high-court-refuses-to-ban-iskcons-activities-in-bangladesh/">बांग्लादेश

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