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हाईकोर्ट ने कोरोना की दवाइयों की कमी पर जताई नाराजगी, कालाबाजारी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई का निर्देश

Ranchi : झारखंड हाईकोर्ट ने जीवन रक्षक दवाएं और इंजेक्शन आम लोगों को उपलब्ध नहीं होने और कालाबाजारी पर सोमवार को फिर नाराजगी जाहिर की है. कोर्ट ने ऐसे तत्वों की पहचान कर तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश सरकार को दिया है. सोमवार को सदर अस्पताल से संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने राज्य के मुख्य सचिव से कहा कि कोरोना मरीजों को रेमेडिसिविर इंजेक्शन, ऑक्सीजन समेत अन्य जरूरी दवाएं ससमय उपलब्ध करायी जाएं. इनकी आपूर्ति बढ़ाएं ताकि आम लोगों को यह जीवन रक्षक दवाएं मिल सकें और उनकी जीवन की रक्षा हो सके. मुख्य सचिव पूर्व के आदेश के आलोक में अदालत में ऑनलाइन हाजिर हुए थे.

असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई हो

इन दवाओं की कालाबाजारी करने वाले असामाजिक तत्वों पर नजर रखते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश भी अदालत ने दिया जो आपदा के समय में इन दवाओं की बिक्री कई गुणा अधिक कीमत पर कर रहे हैं. अदालत ने हाईकोर्ट के स्वास्थ्य केंद्र को कोविड अस्पताल में बदलते हुए यहां आक्सीजन सपोर्टेड बेड तैयार करने का निर्देश दिया. साथ ही एडवोकेट एनेक्सी हॉल में ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था करने का निर्देश दिया.

कोई वकील सुनवाई में शामिल नहीं हुए

सोमवार को सुनवाई के दौरान कोई भी वकील सुनवाई में शामिल नहीं हुए. पूर्व में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मुख्य सचिव को हाजिर होने का निर्देश दिया था. इस आलोक में मुख्य सचिव ऑनलाइन हाजिर हुए थे. हाईकोर्ट के स्वास्थ्य केंद्र को कोविड अस्पताल बनाने के लिए एडवोकेट एसोसिएशन ने याचिका दायर की है. इसमें अस्पताल को ऑक्सीजन सपोर्टेड में तब्दील करने का आग्रह किया था.

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