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अधिकारी बेवजह कोर्ट का समय बर्बाद करते हैं
बता दें कि हाईकोर्ट में पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्कूली शिक्षा सचिव से पूछा था कि कोर्ट के आदेश अनुपालन अब तक क्यों नहीं किया गया है ? याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विनोद सिंह ने सुनवाई के दौरान अदालत को बताया कि इस मामले को स्कूली शिक्षा विभाग जानबूझकर लटका रहा है. जिसके बाद अदालत ने नाराजगी जताते हुए विभाग की ओर से दाखिल शपथ पत्र को भी खारिज कर दिया और स्कूली शिक्षा सचिव के खिलाफ अवमानना चलाने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार के अधिकारी बेवजह कोर्ट का समय बर्बाद करते हैं और आदेश को हल्के में लेते हैं. इसे भी पढ़ें -गर्मियों">https://lagatar.in/summer-may-cause-many-diseases-due-to-strong-sunlight-drink-sufficient-amount-of-water/39501/">गर्मियोंमें तेज धूप से होती हैं कई बीमारियां, पर्याप्त मात्रा में पीयें पानी
हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए अदालत से गुहार लगाई थी
दरअसल धनबाद के प्राथमिक शिक्षक रवि उरांव को विभाग ने यह कहते हुए बर्खास्त कर दिया था कि उनकी स्नातक की डिग्री फर्जी है. अपनी बर्खास्तगी को रवि उरांव ने हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए अदालत से गुहार लगाई थी. याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने वर्ष 2018 में उन्हें फिर से बहाल करने का आदेश दिया था .जिसके बाद सिंगल बेंच के इस फैसले के खिलाफ सरकार खंडपीठ में चली गई. खंडपीठ में इस मामले को सरकार की ओर से नहीं बढ़ाए जाने के बाद प्रार्थी ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की है. इसे भी पढ़ें -कोरोना">https://lagatar.in/insurance-company-will-bear-expenses-if-hospitalized-due-to-corona-vaccine-irdai/39494/">कोरोनाटीका के कारण हुए अस्पताल में भर्ती तो बीमा कंपनी उठायेगी खर्च : IRDAI
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