Ranchi: झारखंड हाई कोर्ट ने अदालत के आदेश का समय पर अनुपालन नहीं किए जाने पर एक बार फिर कड़ी नाराजगी जाहिर की है. हाईकोर्ट ने स्कूली शिक्षा सचिव के खिलाफ अवमानना याचिका चलाने का आदेश दिया है.
अदालत ने सचिव की ओर से दाखिल शो कॉज को खारिज करते हुए कहा कि उनके खिलाफ अवमानना की प्रक्रिया चलेगी.हाईकोर्ट ने स्कूली शिक्षा सचिव को 26 मार्च को होने वाली सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता कार्यालय से ऑनलाइन हाजिर होने का निर्देश दिया है.
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अधिकारी बेवजह कोर्ट का समय बर्बाद करते हैं
बता दें कि हाईकोर्ट में पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्कूली शिक्षा सचिव से पूछा था कि कोर्ट के आदेश अनुपालन अब तक क्यों नहीं किया गया है ? याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विनोद सिंह ने सुनवाई के दौरान अदालत को बताया कि इस मामले को स्कूली शिक्षा विभाग जानबूझकर लटका रहा है.
जिसके बाद अदालत ने नाराजगी जताते हुए विभाग की ओर से दाखिल शपथ पत्र को भी खारिज कर दिया और स्कूली शिक्षा सचिव के खिलाफ अवमानना चलाने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार के अधिकारी बेवजह कोर्ट का समय बर्बाद करते हैं और आदेश को हल्के में लेते हैं.
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हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए अदालत से गुहार लगाई थी
दरअसल धनबाद के प्राथमिक शिक्षक रवि उरांव को विभाग ने यह कहते हुए बर्खास्त कर दिया था कि उनकी स्नातक की डिग्री फर्जी है. अपनी बर्खास्तगी को रवि उरांव ने हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए अदालत से गुहार लगाई थी. याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने वर्ष 2018 में उन्हें फिर से बहाल करने का आदेश दिया था .जिसके बाद सिंगल बेंच के इस फैसले के खिलाफ सरकार खंडपीठ में चली गई. खंडपीठ में इस मामले को सरकार की ओर से नहीं बढ़ाए जाने के बाद प्रार्थी ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की है.
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