Ranchi : झारखंड के लोकायुक्त जस्टिस डीएन उपाध्याय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से लोकायुक्त को और सशक्त किये जाने का आग्रह किया है. रांची स्थित लोकायुक्त कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान लोकायुक्त जस्टिस डीएन उपाध्याय ने भ्रष्टाचार को राज्य की प्रगति में सबसे बड़ा बाधक बताते हुए कहा कि एसीबी द्वारा पीई दर्ज किये जाने की प्रक्रिया की जटिलता को सरल करने की जरूरत है. साथ ही कहा कि तभी लोग लोकायुक्त के प्रति आशान्वित होंगे.
भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़ी संस्था है लोकायुक्त
उन्होंने कहा कि राज्य में लोकायुक्त वो जो संस्था है, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़ी है. भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ शिकायत कहां करनी है, इससे कई लोग अब भी अंजान हैं. लोगों को उनके अधिकार की जानकारी देना लोकायुक्त की प्राथमिकता है.
लोकायुक्त ने एक बार फिर एसीबी की कार्यशैली पर सवाल खड़े किये
लोकायुक्त ने एक बार फिर एसीबी की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि लोकायुक्त के पास सबसे ज्यादा आय से अधिक संपत्ति के मामले दर्ज हो रहे हैं. लेकिन जिस एजेंसी को जांच का जिम्मा दिया जाता है, वो जांच में ज्यादा तत्परता नहीं दिखाती और लोकायुक्त के पास अपनी कोई जांच एजेंसी नहीं है,जिससे जांच करवाई जा सके. इसलिए कई मामलों में जांच सुस्त रही.
एसीबी में मामला भेजे जाने के बाद 1 साल से ज्यादा का समय पीई दर्ज करने में बीत जाता है और प्राथमिकी दर्ज करने में 5 वर्ष लग जाते हैं. जब तक कार्रवाई का समय आता है, तब तक वो पदाधिकारी रिटायर हो जाते हैं. एसीबी के एडीजी को सिर्फ तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के खिलाफ पीई दर्ज करने का अधिकार है. लेकिन वैसे मामलों को भी निगरानी विभाग को भेज दिया जा रहा है. सरकार को समझना चाहिए कि लोकायुक्त एक स्वतंत्र संस्थान इसे निष्पक्ष काम करने का मौका देना चाहिए. लोकायुक्त कार्यालय को और मजबूत करने की जरूरत है.
अब तक लोकायुक्त के पास आये 3598 मामले
लोकायुक्त में अब तक 3598 मामले आये, जिनमें से 1300 लंबित हैं. और 2200 से ज्यादा मामलों का निपटा दिया गया है. वहीं कोरोना काल में 611 शिकायतें आयीं,लोकायुक्त के मुताबिक, सबसे ज्यादा शिकायत भूराजस्व एवं शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों के खिलाफ आये हैं.